चारो खाने चित्त भाजपा अब परिवार को टारगेट कर रही है- कुलिशा
“प्रखरआवाज@न्यूज़”
मंत्री राम विचार नेताम के पारिवारिक टिप्पणी पर कुलीशा का पलटवार
कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर मेनका देवी सिंह पर प्रदेश के मंत्री रामविचार नेताम द्वारा ओछी टिप्पणी पर, युवा कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय सचिव और डॉक्टर मेनका की पुत्री कुलिशा ने पलटवार किया है।
भाजपा प्रत्याशी के नामांकन के समय डॉक्टर मेनका के पति के मिश्रा सरनेम होने की खिल्ली उड़ाते हुए प्रदेश के मंत्री ने पत्रकारों से पूछा था की विवाह के बाद डॉक्टर मेनका आदिवासी कैसे रह सकती है?
इस अपमानजनक व्यक्तव्य पर प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कुलिशा ने कहा है कि भाजपा दरअसल हताश और चारो खाने चित्त हो चुकी है।
जीते हुए प्रत्याशी को आनन फानन में हटाने के बाद लाये गए कमजोर प्रत्याशी की आसन्न हार देखकर, भाजपाई बौखला गए हैं। इसलिए अनर्गल पारिवारिक आरोप लगा रहे हैं।
पिता के सरनेम को उछाले जाने पर कुलिशा ने बताया कि उनके पिता डॉक्टर परिवेश मिश्रा वरिष्ठ चिकित्सक हैं।
रामविचार नेताम को जानना चाहिए कि डॉक्टर परिवेश मिश्रा के पिता और भाई इंडियन एयरफोर्स के पायलट थे। भाई ने तो एयरफोर्स में रहकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है, और मिजो विद्रोहियों के विरुद्ध लड़ते हुए अपनी जान दी है।
डॉक्टर परिवेश मिश्रा ने मेधावी चिकित्सक और रेडियोलॉजिस्ट होकर भी छतीसगढ़ के आदिवासी इलाकों को अपनी कर्मभूमि बनाया। जाति वर्ण की दीवारें तोड़कर उन्होंने पत्नी डॉ मेनका के साथ आदिवासियों की सेवा की राह चुनी। उन्होंने छत्तीसगढ़ को, रायगढ़ और जशपुर जिलों को अपनाया। यहां गाँव गाँव मे इलाज करते अपनी युवावस्था, अपनी पूरी उम्र खपा दी है।
डॉक्टर मेनका द्वारा रायगढ़ जिले में कुष्ठ, जन्मजात विकलांगता और घेंघा के उन्मूलन अभियान में उनके पति डॉक्टर परिवेश मिश्रा हरदम साथ रहे। वे एक उच्च शिक्षित, प्रोफेशनल, बुद्धिजीवी, बेहतरीन इंसान और शानदार पिता हैं।
उन्होंने कहा कि बरसों तक भाजपा सरकार का बड़ा मंत्री होने रहने बावजूद रामविचार नेताम की उपलब्धियां, उनके पिता के पासंग नही बैठती। मंत्रीजी पूरे प्रदेश के संसाधन झोंकने बाद अब समझ चुके है कि चुनावी मैदान में डॉक्टर मेनका, उन्हें पटखनी दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा का मुकाबला, आदिवासी प्रत्याशी डॉक्टर मेनका से है तो उन्हें चाहिए कि वह राजनीतिक तरीके से लड़ें। प्रत्याशी के पति, बच्चे, परिवार पर ऐसी छिछोरी टीका टिप्पणी से इस प्रदेश के मंत्रियों को परहेज करना चाहिए परन्तु शायद यह भाजपा की संस्कृति बन चुकी है।
रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों के मुद्दों और विकास पर वह मुंह चुरा रही है, और परिवार पर पत्थर फेंक रही है।
उन्होंने कहा कि रायगढ़ की जनता अब मन बना चुकी है। सर्व आदिवासी समाज, भाजपा को इस बार जमकर मजा चखायेगा। आदिवासियों के इस अपमान का जवाब मंत्रीजी को अब वोटिंग के जरिये मिलेगा।