प्रधान पाठक मणिप्रभा त्रिपाठी को मिला राष्ट्रीय शिक्षा व साहित्य सम्मान
“प्रखरआवाज@न्यूज”
सारंगढ़ न्यूज/ अंतरराष्ट्रीय साहित्य समारोह नई दिल्ली – माध्यमिक शाला सहसपुर सारंगढ़ जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़ की श्रीमती मणिप्रभा त्रिपाठी प्रधान पाठक ने जिले को पहला राष्ट्रीय पुरस्कार ,”राष्ट्रीय शिक्षा सम्मान ” ,तथा राष्ट्रीय साहित्य सम्मान एक साथ दो सम्मान प्राप्त कर जिले को ही नहीं संपूर्ण छत्तीसगढ़ को गौरान्वित किया है श्रीमती मणिप्रभा त्रिपाठी ने अपने विद्यालय के सामने पड़ी बंजर भूमि को सुंदर पुष्प वाटिका में तब्दील कर दिया तथा उसमें से निकलने वाले फल और ताजी सब्जियां जैविक रूप से उगाई जाने वाली साग सब्जियां बच्चों के मध्यान्ह भोजन में विगत 4,वर्षों से बच्चों के लिए उपयोग में लाई जा रही है उसमें आम केला पपीता चीकू अमरूद सीताफल अनार संतरा मौसंबी और अन्य सभी मौसमी फल प्रत्येक ग्रामीण बच्चों को खाने को मिल रहा है विद्यालय के अंदर प्रिंट रिच वातावरण एक्वागार्ड में से शुद्ध पेयजल उत्तम कोटि की शौचालय की व्यवस्था खाना पकाने के लिए डायरेक्ट नल बच्चों के मध्यान भोजन की थाली धोने के लिए नल की व्यवस्था तथा वर्षा के पानी को हार वेस्टिंग करने के लिए वाटरहार्वेस्टर सिस्टम आदि स्वयं के खर्चे से नवा चारों का प्रयोग कर उन्होंने विद्यालय के प्रत्येक बच्चों को विद्यालय की तरफ आकर्षित किया है उनके विद्यालय में लगभग प्रतिदिन उपस्थिति शत-प्रतिशत रहती है यह बहुत ही अनुकरणीयकार्य है उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में गरीब बच्चों का पढ़ाई का बीड़ा उठाया और उनके द्वारा आर्थिक सहयोग दिया गया बच्चे आज सिविल सर्विस में अपना परचम लहरा रहे हैं वे गरीब बच्चों की विवाह के खर्चे उठाए मनिप्रभा त्रिपाठी मैडम ने न केवल अपने स्कूल की बगिया को ही हरा भरा किया उसमें सुंदर सुंदर फूल लगाए बल्कि संपूर्ण प्रदेश छत्तीसगढ़ में उन्होंने संकल्प पर्यावरण संरक्षण समिति के माध्यम से लगभग 1000000 पेड़ लगवाए तथा स्वयं अपने श्रम से अब तक 70000 पेड़ों को उन्होंने रोपा है कोरोना काल मैं यह समाज के लिए सर्वोत्तम तोहफा उन्होंने दिया है और समाज की प्रेरक बनी मणि प्रभा त्रिपाठी की आज सर्वत्र प्रशंसा हो रही है राष्ट्रीय मंच में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा सम्मान एवं राष्ट्रीय साहित्य सम्मान दोनों पुरस्कार पुरस्कार प्राप्त करने के पश्चात अपनी सु मधुर वाणी से छत्तीसगढ़ के लोक गीतों की सुंदर प्रस्तुति दी जिससे राष्ट्रीय मंच छत्तीसगढ़ के रंग में पूरी तरह से डूब कर झूम उठा
मैडम त्रिपाठी की तरह अगर इस प्रदेश में प्रत्येक शिक्षक हो जाए तो प्रत्येक सरकारी विद्यालय की तस्वीर ही बदल जाए अवश्य ही हम सब को उनके इस महती कार्य से प्रेरणा लेना चाहिए।
श्रीमती त्रिपाठी मैडम को अब तक राष्ट्रीय, सरकारी ,गैर सरकारी संस्थाओं के द्वारा अनगिनत पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हो चुके हैं ।