CHHATTISGARHNATIONALSARANGARH

आज भी राम और श्याम पैदा होगा, मां को कौशल्या और यशोदा बनना होगा : मंत्री श्री टंक राम वर्मा

Advertisement
Advertisement
Advertisement

“प्रखरआवाज@न्यूज”

भटगांव के लोटस पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव में शामिल हुए मंत्री श्री वर्मा

सारंगढ़ बिलाईगढ़, 28 जनवरी 2024/ राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, खेलकूद एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा जिले के नगर पंचायत भटगांव प्रवास पर रहे, जहां निजी विद्यालय परिवार व नगरवासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के निजी विद्यालय लोट्स पब्लिक स्कूल की ओर से आठवें वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया, जहां मंत्री टंकराम वर्मा बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और कार्यक्रम में शिरकत की।
बच्चो ने सुंदर अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी। मंत्री श्री वर्मा ने मंच में लोगों को संबोधित करते हुए भटगांव नगर को धर्म की नगरी बताते हुये अयोध्या में हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जिक्र किया और कहा कि हमारे पुरखों और सनातनियों ने जो रामलला को अयोध्या लाने का सपना देखा, आज वो पूर्ण हो गया है। पूरा भारत राममय हो गया है।

मंत्री ने उद्बोधन शायराना अंदाज में कहा कि रावण का स्वयं वध करूंगा, कहने वाला राम जगे, दुष्ट शेष एक न बचेगा, कहने वाला श्याम जगे, मैं घर घर में राम नाम का अलख जगाने आया हूं। हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हें जगाने आया हूं।

बच्चे बहुत प्रतिभावान होते हैं। हर बच्चे में प्रतिभा होती है। उसको निखारने की जरूरत होती है। हर बच्चे में, किसी में पेंटिंग किसी में संगीत की, किसी में लेखनी की, किसी में कविता की, किसी में गायन की, हर बच्चे में प्रतिभा है, उसको बाहर लाने की जरूरत है, वो काम हमारे शिक्षक निभा रहे हैं मैं सबको बधाई देता हूं। मंत्री ने एक कहानी सुनाई, एक कुम्हार मिट्टी से चिलम बना रहा था। उसके दोनों हाथ मिट्टी से गुथे थे, उस समय कुम्हारिनी आ गई। पूछी क्या बना रहे हो। चिलम, चिलम का फैशन। कुम्हारिन ने कहा तुम्हारा दिमाग खराब है। गर्मी का समय है, सुराही बनाना शुरू कर दो, खूब बिकेगा। कुम्हार का विचार बदल गया। मिट्टी से गुथे हाथ से चिलम बनाना छोड़ दिया। इस मिट्टी से उसने सुराही बनाना शुरू कर दिया। जब सुराही बन रहा था तो मिट्टी के अंदर से आवाज आई, मिट्टी ने बोला कुम्हार क्या कर रहे हो और क्यों, कुम्हार ने कहा सुराही बन रहा है। विचार बदल गया। मिट्टी ने कहा, तुम्हारा तो केवल विचार बदला है मेरा तो जिंदगी बदल गई। कुम्हार ने कहा वो कैसे। मिट्टी ने कहा मैं यदि चिलम बनती, तो मेरे मुंह में आग लगाया जाता, मैं खुद जलती औरों को भी जलाती। अब मैं सुराही बन गई हूं। अब मेरे मुंह में शीतल जल डाला जाएगा, मैं भी शीतल रहूंगी और औरों को भी शीतल करूंगी। केवल विचार बदलने से जिंदगी बदल गई। आप अपना विचार बदले आपका जीवन बदल जाएगा। आपके जीवन में सुधार आ जाएगा। अच्छी चीज सोचिए। हमारी माताएं बच्चों को केवल जन्म ही नहीं देती, जन्म के साथ जीवन भी देती हैं और संस्कार भी देते हैं। शिक्षा कहीं भी मिल जाएगी, डिग्री, नौकरी कहीं भी मिल जाएगी लेकिन संस्कार कहीं नहीं मिलेगा, संस्कार देने का काम केवल मां के पास है। किसी ने कहा है शिक्षा से पहले संस्कार जरूरी है और व्यापार से पहले व्यवहार जरूरी है। आपका बच्चा जैसा चाहोगे वैसा बनेगा, वैसा तैयार होगा। आज भी हर घर में राम पैदा होगा, मां को कौशल्या बनना पड़ेगा। हर घर में कृष्ण पैदा होगा मां को यशोदा बनना होगा। उन्होंने बच्चो के उत्साह के लिए पूर्व में कहा कि कार्यक्रम का तैयारी के लिए कितना पसीना बहाया है, उन सभी के मेहनत के लिए एक बार तालिया हो जाए। 5 मिनट का कार्यक्रम देखोगे। 5 मिनट का नृत्य, नाटक। उस नाटक के मंच पर लाने के लिए हमारे विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं ने बहुत मेहनत किया है। 15 दिन का मेहनत किया है तो 5 मिनट के कार्यक्रम देखोगे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्कूल के शिक्षक शिक्षिका और पालक उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button