ओड़िशा बॉर्डर के सुदूर अंचल से शिक्षा की बड़ी सफलता: कोठीखोल डुमरपाली स्कूल ने जिले में रचा इतिहास

बरमकेला।विकास खंड बरमकेला अंतर्गत ओड़िशा सीमा से लगे सुदूर अंचल के अंतिम छोर पर स्थित शासकीय प्राथमिक शाला डुमरपाली ने यह सिद्ध कर दिया है कि संसाधनों की कमी कभी भी प्रतिभा और समर्पण के आगे बाधा नहीं बन सकती। सीमित सुविधाओं के बावजूद इस विद्यालय ने शैक्षणिक उत्कृष्टता का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है, जो पूरे जिले के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है।

वार्षिक परीक्षा सत्र 2024–25 में कक्षा 5वीं के छात्र हिमांशु साहू ने 97 प्रतिशत अंक अर्जित कर जिले के टॉप टेन में 11वां स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि न केवल छात्र की मेहनत का परिणाम है, बल्कि विद्यालय के शिक्षकों के सतत मार्गदर्शन, अनुशासन और समर्पण का प्रत्यक्ष प्रमाण भी है।
इस शानदार सफलता में विद्यालय के शिक्षक दिलीप भोई, स्वंय सेवि हसीना भोई एवं ज्योति साहू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विशेष रूप से शिक्षक दिलीप भोई, स्वंय सेवी हसीना भोई, व ज्योति साहू के निरंतर प्रयास, व्यक्तिगत ध्यान और बच्चों के प्रति संवेदनशील शिक्षण पद्धति ने इस सफलता को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। ग्रामीणों एवं पालकों ने छात्र हिमांशु साहू की उपलब्धि का श्रेय स्वंय सेवी हसीना भोई, और ज्योति साहू,शिक्षक दिलीप भोई को देते हुए उनके योगदान की भूरि-भूरि प्रशंसा की है।
ओड़िशा बॉर्डर पर बसे इस विद्यालय मे गांव के बच्चे, विशेषकर बालक बालिकाएं, नियमित रूप से शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमावर्ती क्षेत्र की चुनौतियों के बावजूद यहां पढ़ने वाली छात्राएं शैक्षणिक क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर स्कूल का मान-सम्मान बढ़ा रही हैं। यह विद्यालय अब सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और आत्मविश्वास का प्रतीक बन चुका है।
विद्यालय में कार्यरत रहे शिक्षक दिलीप भोई, स्वंय सेवी हसीना भोई और स्वंय सेवी ज्योति साहू वर्तमान मे बीते तीन वर्षों से लगातार सेवा दे रही हैं। उन्होंने न केवल पाठ्यक्रम को समय पर पूर्ण कराया, बल्कि बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया। नियमित पुनरावृत्ति, अतिरिक्त कक्षाएं, पालकों से संवाद और बच्चों में आत्मविश्वास पैदा करना उनकी शिक्षण शैली की विशेषता रही है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पूरे गांव में हर्ष और गर्व का माहौल है। ग्रामीणों, पालकों एवं जनप्रतिनिधियों ने विद्यालय पहुंचकर शिक्षकों का आभार व्यक्त किया। ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव एवं अन्य गणमान्य नागरिकों के हाथों हिमांशु साहू छात्र को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह में वक्ताओं ने कहा कि ऐसे समर्पित शिक्षक ही ग्रामीण और सुदूर अंचल के बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि कोठीखोल क्षेत्र जैसे सीमावर्ती और पिछड़े क्षेत्र में यदि बच्चों को सही मार्गदर्शन और प्रेरणा मिले, तो वे किसी भी स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं। छात्र हिमांशु साहू की सफलता आने वाली पीढ़ी के बच्चों के लिए आशा और प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
शासकीय प्राथमिक शाला डुमरपाली की यह उपलब्धि यह संदेश देती है कि सच्ची निष्ठा, निरंतर परिश्रम और शिक्षकों की प्रतिबद्धता से शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। यह सफलता न केवल एक छात्र या एक विद्यालय की है, बल्कि पूरे बरमकेला विकास खंड के लिए गर्व की बात है। फिलहाल शिक्षा की बेहतर सुधार हेतु वर्तमान स्तिथि मे स्वंय सेवी हसीना भोई और स्वंय सेवी ज्योति साहू की अग्रणी भूमिका है गांव की बच्चों की शिक्षा स्तर बढ़ाने प्रयास जारी रखी हैं, जिससे ग्रामीण बेहद खुश हैं l




