किसानों से एक एकड़ में तीन हजार का चढ़ावा किसान त्रस्त पटवारी मस्त
“प्रखरआवाज@न्यूज”
सारंगढ़ जिला बनते ही भ्रष्टाचारियों की कतार सी लग गई है वही बात करे विभाग की तो लगातार राजस्व विभाग में पटवारियों का निलंबित होने का मामला कोई नई बात नही है लेकिन ग्राम उलखर से किसानों से लाखो रुपए अवेध तरीके से पटवारी आशीष भारद्वाज के द्वारा किसानों से लिया गया है जहां दो_तीन किसान नही बल्कि जिस किसान का बटांकन कराना था और वही किसानों के बताए अनुशार एक एकड़ में तीन हजार और पर्चा बनाने का अलग से लिया गया है जहां लाखो रुपए एठने का काम किया गया है।
जिले बनने के बाद लगातार मामलाए उजागर हो रही है,अधिकारी कब सुध लेगी
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला अन्तर्गत आने वाले सारंगढ़ तहसील एक बार फिर सुर्खियों में है जहा आशीष भारद्वाज नामक पटवारी जिसका पटवारी हल्का नंबर 24 है। और वर्तमान में ग्राम उलखर में पदस्थ है जहां दर्जनों किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए नंबर बटांकन के नाम पर और पर्चा को अलग करने के लिए हजारों रुपए की मांग किया और मजबूरी में किसानों ने दे भी दिया है।
एक एकड़ में तीन हजार रुपए लेने का आरोप लगाया वही अभी तक विभाग सुस्त एक्शन में
यह पैसे नामांतरण व पर्चा बटानकन के नाम पर पटवारी द्वारा लिया गया है। वहीं जब हमारी टीम को भ्रष्टाचार से लिप्त पटवारी की जानकारी हुई तो हमारी टीम ने इस पटवारी के हल्के क्षेत्र में जा कर जायजा लिया तो किसानों अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए अपना अपनी आप बीती सुनाई जिसको हमारी टीम ने अपने खुफिया कैमरे में कैद कर लिया तथा वहीं भ्रष्ट पटवारी से परेशान किसानों ने अपना कथन र्रिंकाड करने से मना कर दिया परन्तु इसके पिछे की वजह आर्थिक परेशानी को बताते हुए अपने काम से काम करने तथा हर यह पटवारी बिना पैसे के काम नहीं करते हैं जैसे शब्दों का किसानों ने बताया है। और वही किसानों में दो किसान लेकिन देखिए हमारी टीम के खुफिया कैमरे में हुई कैद किसानों से की बातें किस प्रकार किसान अपनी दुविधा सुना रहे है। वहीं पत्रकारो द्वारा पटवारी को लगातार दूरभाष के माध्यम से संपर्क भी साधा गया लेकिन उनकी पक्ष बताने के लिए कतराते रहे। खबर उजागर के बाद क्या कुछ पटवारी के ऊपर कार्यवाही होती है देखने वाली बात होगा।
ग्राम उलखर और ग्राम छुहीपाली के किसान है अत्यंत परेशान,विभाग मौन या संरक्षण?
सारंगढ़ जिला बनने के बाद अधिकारियों का कार्यालय संचालन लगातार हो रही है यहा सभी अधिकारियों का दफ़्तर खुल गया है जहा सभी दफ्तरों में विभागीय अधिकारियों का कार्य प्रारंभ हो चुका है लेकिन अधिकारी का कार्यशैली पर सवाल उठना लाजमी है क्योंकि एक तरफ सरकार किसानों का हितैसी बनने में कोई कसर नही छोड़ता लेकिन एक तरफ संविधानिक नियम सबके लिए समानता का अधिकार दिखाता है लेकिन किसानों का कोई अधिकारी नही सुन रहा है। वही ग्राम उलखर और छुहीपाली का किसानों से प्रत्येक एकड़ तीन हजार का अवैधानिक तरीके से वसूली किया गया है लेकिन समाचार चलने के बाद अधिकारियो का संरक्षण मिलता है या जांच प्रश्नचिन्ह के कटघरे में दब जाता है समय के साथ साथ किसानों के निगाह जिला अधिकारी के उपर नजर टिकी हुई दिख रही है।