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क्या विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दोहराएगा इतिहास

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“प्रखरआवाज़@न्यूज”

सारंगढ़ विस में अब तक नहीं जीता कोई दूसरी बार विधायक का सीट

टिकट को लेकर प्रत्याशियों में होड़ तेज

नेताओं में बिखराव तो कार्यकर्ताओं में फूट क्यों ना ?

नए जिला कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति कहीं बिखराव का कारण नहीं

वॉल पेंटिंग का वार बन रहा बड़ा मुद्दा

सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर वैसे तो अभी लगभग 5 माह का समय शेष है मगर सारंगढ़ की फिजा में कांग्रेस टिकट के दावेदारों की होड़ चरम पर नजर आ रही है, पूरे विधान सभा क्षेत्र में उत्तरी गनपत जांगड़े, अनिका विनोद भारद्वाज, विलास सारथी महिला दावेदारों की वॉल पेंटिंग तो दूसरी ओर कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष घनश्याम मनहर की वॉल पेंटिंग की चर्चा जोरों पर।

सारंगढ़ विधायक जो अपने सुनहरे ऐतिहासिक कार्यकाल, सतत दौरे और विकास कार्य को लेकर निरंतर जनता के बीच बनी हुई है, कहीं ना कहीं पार्टी नेताओं से सतत संपर्क, रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने की जद्दोजहद और अपने सादे अंदाज में पार्टी संगठन और जनता के बीच निरंतरता बनाए रखी हुई है वही विधायक के साथ-साथ निरंतर क्षेत्रों का दौरा कर रहे पार्टी गतिविधियों में उपस्थिति, संगठन कार्यकर्ताओं के साथ तालमेल और नया चेहरा तथा जनता के बीच सशक्त रूप से उभरकर जिला पंचायत सभापति अनिका भारद्वाज भी टिकट की होड़ में साफ नजर आ रही है दूसरी ओर विलास सारथी जो बरमकेला अंचल से एकमात्र दावेदार के रूप में अपने सतत दौरे और ग्रामीण जनता से मेल मुलाकात को लेकर अपनी सक्रियता बता चुकी हैं। इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस प्रतिनिधि घनश्याम मनहर अब तक एक महत्वपूर्ण प्रत्याशी के रूप में वॉल पेंटिंग के माध्यम से टिकट के दावेदार के रूप में सामने आए हैं घनश्याम मनहर सारंगढ़ की राजनीति के साथ-साथ एक सधे हुए चुनावी रणनीतिकार के रूप में भी जाने जाते हैं कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में पूर्व में इनकी पत्नी श्रीमती पदमा मनहर पूर्व विधायक रही है, कई बार निरंतर महिला प्रत्याशियों के विधायक बनने से अब पुरुष प्रत्याशी भी सामने आ रहे हैं कई पार्टी की बैठकों में पुरुष प्रत्याशी की मांग भी वरिष्ठ जन ने रखी है और अगर पार्टी ऐसा विचार करती है तो घनश्याम मनहर सर्वप्रथम दावेदार के रूप में नजर आ रहे हैं।

सारंगढ़ विधानसभा में अगर पूर्व सत्र के विधानसभा चुनाव को छोड़ दिया जाए तो यहां केंद्र और राज्य सरकार में तालमेल कभी नजर नहीं आई। केंद्र में भाजपा तो राज्य में कांग्रेस और राज्य में भाजपा को केंद्र में कांग्रेस की सरकार लंबे अरसे से लोगों ने बनते देखा है साथ ही सारंगढ़ विधानसभा के लिए यह बाद भी चर्चा में है कि आज तक यहां दोबारा विधायक रिपीट नहीं हुआ है ऐसे में सीटिंग विधायक के लिए यह एक बड़ा चैलेंज है। वर्तमान में सारंगढ़ बिलाईगढ़ नया जिला बनने के बाद सारंगढ़ कांग्रेस में कई गुट नजर आने लगे है। कई कार्यकर्ताओं में मनमुटाव और नाराजगी भी देखी जा रही है। जिसे लेकर पार्टी के आला नेता भी अब तक डैमेज कंट्रोल के मूड में नहीं दिखे और ना अभी तक उन्होंने कोई पहल की। धीरे-धीरे नेताओं और कार्यकर्ताओं में आपसी मनमुटाव की आग फैलती जा रही है।

चर्चा है की सारंगढ़ विधानसभा में सीटिंग विधायक श्रीमती उत्तरी गनपत जांगड़े जी की टिकट लगभग तय है मगर नए चेहरे, पुरुष प्रत्याशी और दोबारा रिपीट के फार्मूले में किसका नंबर लगेगा यह आने वाला समय ही तय करेगा लेकिन यह तो तय है कि सभी प्रत्याशी अपने आप को टिकट का प्रबल दावेदार मानकर एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

वॉल पेंटिंग वार बना मुद्दा – सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय विधायक उत्तरी जांगड़े के साथ अनिका विनोद भारद्वाज, विलास सारथी और घनश्याम मनहर के बड़े-बड़े वॉल पेंटिंग चर्चा के विषय बने हुए हैं। आकर्षक भव्य वृहद वॉल पेंटिंग हर सड़क ग्रामीण अंचल में देखने को मिल जाएंगे, जिसे लोग कांग्रेस के प्रचार प्रसार के नजरिए से भी देख रहे हैं लेकिन कुछ दिनों में घनश्याम मनहर और अनिका भारद्वाज के वॉल पेंटिंग के ऊपर क्लोज अप कंपनी का फ्लेक्स स्टीकर वह भी नाम के ठीक ऊपर लगने से मामला गरमा गया है और जन चर्चा में पार्टी टिकट के लिए यह दोनों नामों को भारी बताया जा रहा है। उक्त नेताओं ने इस तरह के कृत्य को गलत करार दिया है और कहा है कि पार्टी संगठन कोई भी हो बैनर पोस्टर वॉल पेंटिंग से छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए। उक्त मुद्दा अब ग्रामीणों के मन में भी बैठता जा रहा है।

गौरतलब हो कि सारंगढ़ बिलाईगढ़ नया जिला बनने के बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद की नियुक्ति को लेकर पार्टी नेता आमने-सामने स्वाभाविक सी बात है नेताओं के कार्यकर्ता भी आमने-सामने बने हुए जो एक दूसरे को निपटो निपटाओ और हटाओ की रणनीति पर कार्य कर रहे हैं। नया जिला अध्यक्ष नहीं बनने से संगठन के कार्य और तालमेल में भी बड़ा अंतर साफ दिखाई दे रहा है ब्लॉक और नगर कांग्रेस तथा उसके प्रकोष्ठ और विभाग भी पूरी तरह से सुसुप्त नजर आए हैं। पार्टी के कार्यक्रमों और संगठन के कार्यों में भी विधायक गुड से जुड़े नामचीन चंद कार्यकर्ता ही नजर आ रहे हैं। सारंगढ़ विधान सभा चुनाव भाजपा जहां सधी हुई रणनीति के साथ एकजुट नजर आ रही है वही कॉन्ग्रेस बिखरी हुई दिखाई दे रही है भाजपा में समस्त संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता एक लाइन में है तो वहीं कांग्रेस बे लाइन नजर आ रही है। पांचो विधानसभा में कुछ माह पहले सारंगढ़ विधानसभा एक सशक्त सीट के रूप में चर्चित थी मगर इन चंद महीनों में जनता और पार्टी कार्यकर्ता के सुर कुछ और ही बयां कर रहे है।

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