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गोमर्डा बरमकेला के जंगलों में हाथी के बाद अब रॉयल बंगाल टाइगर की धमक

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“प्रखरआवाज@न्यूज”

उड़ीसा अभ्यारण ढेबरूडीह से आया टाइगर, सारंगढ़ राजा मचान तो बरमकेला जंगल में भी मिले पद चिन्ह

2018 में नीलगाय तो अब 2023 में मवेशी का किया शिकार

वन्य जीवो के बढ़ने से चारागाह बन रहा गोमर्डा अभ्यारण, टाइगर के वापसी के संकेत

सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ गोमर्डा अभ्यारण जो अपने विशालकाय घने वन परिक्षेत्र को लेकर अपनी एक अलग पहचान रखता है वही विगत तीन-चार वर्षो में अभ्यारण में वन्य जीव की सुरक्षा चारा और अन्य सुविधाओं को लेकर संख्या बल में बड़ी बढ़ोतरी देखी गई है। गोमर्डा बरमकेला वन परिक्षेत्र सारंगढ़ समान्य रेंज से सटा उड़ीसा का ढेवरुडीह वन परिक्षेत्र जहां रॉयल बंगाल टाइगर और हाथी जैसे जंगली जानवरों की उपस्थित बनी रहती है घने जंगलों और चारागाह की उपलब्धता को देखते हुए हाथी के बाद अब रॉयल बंगाल टाइगर के द्वारा मवेशी के शिकार की जानकारी मिली है।

सूत्रों की माने तो सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के गोमर्डा अभ्यारण बरमकेला के पैकीन, झिकिपाली वन परिक्षेत्र में रॉयल बंगाल टाइगर के देखे जाने और मवेशी के शिकार करने के तथ्य मिले हैं। मवेशी के द्वारा घने जंगलों में जाने से टाइगर नहीं से अपना शिकार बनाने की जानकारी सामने आ रही है। सूत्रों की माने तो उड़ीसा अभ्यारण ढेबरूडीह वन परिक्षेत्र गोमर्डा अभ्यारण बरमकेला से लगा हुआ है, जहां जंगली जानवरों का आवाजाही भी लगा रहता है। वन अमले में एसटीपीएफ (stpf) “स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स” उड़ीसा वन अमला जिसमें लगभग पांच आदमियों का दल है निरंतर समय-समय पर टाइगर मोमेंट की निगरानी करते हैं ट्रेकिंग करते है। वन परिक्षेत्र में भी यह टीम काम कर रही है।

सूत्रों की माने तो 2018 में टाइगर के द्वारा नीलगाय का शिकार और अब उसके बाद 2023 में टाइगर द्वारा मवेशी के शिकार की जानकारी मिली है। विगत तीन-चार वर्षो में वन विभाग द्वारा कुछ महीनो के लिए जंगलों को बंद करना ग्रामीण और सामान्य जन का आना-जाने में रोक, जानवरों को प्रजनन एवं सुरक्षा साथ ही कई हद तक शिकार को रोकने और शिकारी को पकड़ने में कामयाबी, जंगलों का निरंतर हरा भरा होकर घनापन चारे और पानी की व्यवस्था जैसे कई आवश्यक कार्यों को जमीनी स्तर पर मूर्त रूप मिला है जहां गोमर्डा वन परिक्षेत्र में कई वन्य जीव सांभर कोटरी नीलगाय चीतल की संख्या में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है जो वन विभाग के लिए एक महती कामयाबी भी मानी जा सकती है, जिसके चलते टाइगर जैसे वन्य जीव चारागाह की दृष्टि से इन क्षेत्रों में आवाजाही कर रहे हैं। टाइगर की उपस्थिति से वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में है निरंतर उसकी ट्रैकिंग और जन जागरूकता में भी अधिकारियों ने अपने कार्य तेज कर दिए हैं। रॉयल बंगाल टाइगर की उपस्थिति को लेकर मवेशी के शिकार की खबर के बाद कुछ हद तक ग्रामीणों में भाई का भी माहौल है लेकिन वरुण विभाग की टीम के द्वारा जन जागरूकता और सही जानकारी जैसे कार्यों पर कार्य करने से कई हद तक माहौल शांत है सूत्रों की माने तो रॉयल बंगाल टाइगर के वापसी के संकेत भी मिल रहे हैं फिर भी विशाल का एक गोमर्दा अभ्यारण में वन वन्य जीव की सुरक्षा को लेकर वन विभाग को और ज्यादा कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।

ओडिशा के सांभरदरहा जंगल से आया टाइगर क्या है पूरा मामला.. वन परिक्षेत्र बरमकेला के तहत झिंकीपाली सर्किल के दानीघाटी जंगल के पास सारंगढ़ समान्य रेंज में किसान के दूधारू गाय को हिंसक जानवर बाघ ने हमला करके शिकार किया और उसके मांस को खाने के लिए रोज वह आया रहा है।
विश्वास सूत्रों की माने तो जंगली जानवर बाघ द्वारा शिकार करने की घटना तीन दिन पहले गुरुवार दोपहर 3.30 बजे बताया जाता है कि गुरुवार को ग्राम दानीघाटी का चरवाहा बुंदराम चौहान गाय, बछड़े, बैल आदि मवेशियों को जंगल चराकर वापस आ रहा था उसी दौरान जंगल के नीचे कुधरी खार मौहा पेड़ के नीचे बाघ आया और एक दूधारू गाय पर हमला कर दिया। बाघ के हमले से मवेशियों का झुंड इधरउधर भागने लगे और चरवाहा गांव में आकर सारा वृतांत ग्रामीणों को बताया। उक्त गाय दानीघाटी निवासी कृपाराम पटेल पिता सीताराम का है। दूसरे दिन वन विभाग की टीम पहुंची और शिकार किए गए गाय के पास सीसीटीवी कैमरे लगाया गया है। जिसमें बाघ की तस्वीर कैद हुई है और उस गाय की मांस को खाने बाघ रोजाना पहुंंच रहा है। ऐसे में वन विभाग द्वारा दानीघाटी सहित आसपास में मुनादी करा दी गई है कि जंगल के तरफ जाना नहीं है। दानीघाटी गांव में शाम पांच बजे के बाद सन्नाटा छा जा रहा है।

जांच में ओडिशा की फारेस्ट टीम पहुंची थी
हिंसक जानवर बाघ के बारे में ओडिशा के फारेस्ट टीम को जानकारी दी गई। बताया गया है कि उक्त हिंसक जानवर बाघ सीमावर्ती सांभरदरहा ( बारहपहाड ) जंगल से पार होकर झिंकीपाली सर्किल में घुस आया है। इस वजह से शनिवार शाम को जानवर की ट्रैकिंग के लिए ओडिशा की सीएफएफएस, आरसीएफ, डीएफओ की टीम ने इस क्षेत्र के वन अधिकारियों की संयुक्त बैठक पैंकिन वन बेरियर पर ली गई। बैठक में उक्त बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने की चर्चा हुई है ।

“दानी घाटी के ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिन पहले बाघ ने गांव के एक कृषक की गाय पर हमला कर रोज उसके मांस खाने पहुंच रहा है। इसके पहले बाघ को नहीं देखा गया था।

” आज रविवार को उस गाय को बाघ ने घसीटते हुए 50 मीटर दूर जंगल अंदर तरफ ले गया है। वन विभाग की टीम आती हैं और सीसीटीवी को बदल कर चले जाते हैं। यह सही है कि बाघ आया है। शाम होते ही घर से निकलना दूभर हो गया है।

क्या कहते हैं अधिकारी – वन मंडल अधिकारी से चर्चा करने पर उन्होंने जानकारी दी की मवेशी के शिकार की घटना के बाद बाघ के वापसी के संकेत हैं गांव वालों को मुनादी कर सतर्क किया गया है। वन विभाग पूरी तरह से अलर्ट है।

गणेश यू आर
जिला वन मंडल अधिकारी जिला सारंगढ़ बिलाईगढ़

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