CHHATTISGARHSARANGARH

छिन्द गांव के गौठान में गोमूत्र क्रय एवं उत्पाद निर्माण,ब्रम्हास्त्र जीवामृत बनाने दिया गया प्रशिक्षण

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

“प्रखरआवाज@न्यूज़”

सारंगढ़-बिलाईगढ़ न्यूज़/ कलेक्टर डॉ.फरिहा आलम के निर्देशन में आज शासन की बहुआयामी गोधन न्याय योजना के तहत छिन्द ग्राम, सारंगढ़ के गौठान स्थल में कृषि विभाग के द्वारा गोमूत्र क्रय एवं उत्पाद निर्माण, ब्रम्हास्त्र जीवामृत बनाने संबंधी प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस दौरान कृषि विस्तार अधिकारी श्री के.पी.पटेल द्वारा ब्रम्हास्त्र, बीज जनित रोग एवं जीवामृत के संबंध में उपस्थित गौठान समिति एवं समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया।
ब्रम्हास्त्र की निर्माण विधि के बारे में बताया गया जिसमें 10 लीटर गोमूत्र, बेलपत्ती, आख, धतूरा, नीम एवं सीताफल की पत्ती को एक एक पाव की मात्रा में मिट्टी के बर्तन में डुबाकर रखना है और इसे डेढ़ से दो लीटर के हिसाब से प्रति एकड़ इसका छिड़काव किया जा सकता है। बीज जनित रोग- 5 लीटर गोमूत्र, 50 ग्राम चूना एवं 20 लीटर पानी, बरगद पेड़ के नीचे की मिट्टी इन सभी को मिश्रित कर 24 घंटे के लिए रखना है। बीज बोने के एक दिन पहले छाया में रखना है। जीवामृत बनाने के लिए 200 लीटर पानी, 10 किलो ताजा गोबर, 2 किलो गुड़ या बेसन 1 किलो बरगद के पेड़ के नीचे की मिट्टी में छायादार जगह में बनाना है, जूट के बोरे में ढंककर इसे घड़ी की दिशा में घुमाना है एवं 5 से 7 दिन रखना है। जीवामृत तैयार है। प्रशिक्षण में आए कृषक गोकुल साहू ने 5 लीटर गोमूत्र की खरीदी किया। उक्त प्रशिक्षण के दौरान सारंगढ़ सीईओ श्री अभिषेक बैनर्जी, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी जीपी गुप्ता, कृषि विभाग के अन्य अधिकारीगण, ग्राम पंचायत के सदस्य, गौठान समिति और स्व-सहायता समूह के सदस्य उपस्थित रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button