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मोना स्कूल सारंगढ़ में मल्हार 2023 वार्षिकोत्सव का भव्य आयोजन

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“प्रखरआवाज@न्यूज”

बलिदान और प्रेरणा से ओत प्रोत रहा पूरा सांस्कृतिक कार्यक्रम

शिक्षा क्रीडा और सांस्कृतिक क्षेत्र में बच्चों का सर्वांगीण विकास प्रथम दायित्व – रीतेश केसरवानी

शिक्षा के साथ-साथ सांस्कृतिक क्षेत्र में भी हो बच्चों का उत्कृष्ट प्रदर्शन – श्रीमती तोषी केसरवानी

सारंगढ़ बिलाईगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ को हर क्षेत्र में गौरवान्वित करने वाला मोना मॉडर्न स्कूल जो हमेशा शिक्षा क्रीडा और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान बिखेरता आया है जिसने आज बच्चों को अहम मुकाम तक पहुंचाने के क्षेत्र में अंचलवासियो और पालकों का एक बड़ा आत्मविश्वास स्थापित करने में सफल रहा है। सांस्कृतिक क्षेत्र में निरंतर अपना “दी बेस्ट” प्रदर्शन करने वाला नगर का प्रख्यात शैक्षणिक संस्था मोना स्कूल ने अपने मल्हार के माध्यम से 21 वा वार्षिकोत्सव कार्यक्रम मनाया। उक्त कार्यक्रम की विशेषता यह रही की सांस्कृतिक मंच से लेकर अतिथिगण, कार्यक्रम, प्रेरणा देने वाले संगीत के थीम, हजारों की संख्या में पलकों की उपस्थिति और कार्यक्रम में 1600 छात्रों का प्रदर्शन ने कार्यक्रम को ऐतिहासिक बना दिया।

मोना स्कूल सारंगढ़ में 21 वां फाउंडर्स डे , मल्हार का भव्य आयोजन गत दिनों किया गया। विदित हो कि गत 21 वर्षों से मोना ग्रुप ऑफ एजुकेशन शिक्षा के क्षेत्र लगातार अपने नए प्रयोगों, अनूठी शिक्षा नीति और बच्चों के प्रयोगात्मक सम्पूर्ण विकास के जरिये क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाते आ रहा है। इसी कड़ी में इस वर्ष मोना मॉडर्न स्कूल सारंगढ़ में “21 वां फाउंडर्स डे-मल्हार” का आयोजन किया गया। मोना ग्रुप ऑफ एजुकेशन के फाउंडर द्वय श्री रीतेश केशरवानी एवं श्रीमती तोषी गुप्ता ने मल्हार 2023 के आयोजन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि भारत की सांस्कृतिक विरासत के हर रूप को दर्शाता इस वर्ष मल्हार 2023 विभिन्न विशेषताओं से भरपूर था। पारंपरिक संस्कार और आधुनिक विचार के टैग लाइन को आत्मसात करते हुए मल्हार के इस वर्ष के आयोजन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में मोना स्कूल सारंगढ़ के भूतपूर्व छात्र श्री हरिराम पटेल रहे। मोना ग्रुप ऑफ एजुकेशन की परंपरा के अनुसार मोना स्कूल के मुख्य अतिथि के रूप में मोना स्कूल के भूतपूर्व छात्र ही होते हैं जो जीवन में अपने क्षेत्र में सफलता के एक उच्च शिखर में पहुंच जाते हैं । इसी कड़ी में श्री हरिराम पटेल जो कि वर्तमान में कॉम्पिटिशन एकेडमी बिलासपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर और एच आर पब्लिकेशन बिलासपुर के ऑथर है। जिनके मार्गदर्शन में में अब तक 1000 से भी अधिक स्टूडेंट्स पी एस सी, व्यापम एवं अन्य प्रतियोगी। परीक्षाओं में चयनिय होकर अपना भविष्य संवार चुके हैं और अभी तक इनकी 75 से अधिक बुक प्रकाशित हो चुकी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोना शिक्षण समिति के अध्यक्ष श्री बी पी केशरवानी जी ने की। कार्यक्रम के अतिथियों में मोना शिक्षण समिति के संयुक्त सचिव श्री अरविंद हरिप्रिय जी, कोषाध्यक्ष श्रीमती लता केशरवानी जी, श्री तेजपाल गुप्ता जी, श्रीमती शीला गुप्ता जी एवं श्रीमती सविता हरिप्रिय जी ने मंचासीन होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती की वंदना से की गई। मोना स्कूल सारंगढ़ के मल्हार में भारतीय विरासत, भारतीय संस्कृति के विविध रूप की झलक भारत के विभिन्न त्यौहारों को “फेस्टिवल ऑफ भारत” के नाम से दिखाया जिसमें सबसे पहले गणेश उत्सव , फिर जन्माष्टमी, नवरात्रि, दीपावली, मकरसंक्रांति, लोहड़ी, ईद, और होली का सुंदर प्रदर्शन किया गया। वहीं शिक्षक , विद्यार्थियों एवं पालकों के मध्य बच्चों की शिक्षा को लेकर विभिन्न वैचारिक मतभेद का नृत्य रूपांतरण कव्वाली के माध्यम से दिखाया गया। युवाओं में बढ़ते ड्रग एडिक्शन की लत और उसके अंजाम को दिखाते और नशे से दूर रहने का संदेश स्टूडेंट्स ने अपने नृत्य के माध्यम से दिया। वहीं बच्चों के बड़े होने पर अपने माता पिता को वृद्धावस्था में वृद्धाश्रम छोड़ देने के मार्मिक पहलू की नृत्यनाटिका ने दर्शकों पर अपनी अमित छाप छोड़ी। बच्चों में मोबाइल फोन की बढ़ती लत के दुष्प्रभावों को दिखाते हुए छोटे बच्चों ने मोबाइल फोन उपयोग नहीं करने का वचन मंच के माध्यम से लिया। वहीं 12 वी के बड़े स्टूडेंट्स ने सोशलमीडिया फेसबुक, ट्विटर, स्नैपचैट, टिक टॉक, इंस्टाग्राम आदि की बुरी लत और उससे दूर रहने का संदेश अपने नृत्य के माध्यम से दिया। नर्सरी के बच्चों ने जंगल बुक और सेव ट्री का संदेश अपने नृत्य के माध्यम से दिया। सन 1857 में रानी लक्ष्मीबाई, तान्हा जी और शिवाजी जैसे वीरों की गाथा और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनके अतुलनीय योगदान का नृत्य रूपांतरण मल्हार में बच्चों ने दिखाया। वहीं मर्दानी एवं विजयीभव के माध्यम से महिला सशक्तिकरण को दिखाते हुए, मैं नए भारत का चेहरा हूँ के माध्यम से अतुलनीय भारत को दिखाने का प्रयास किया गया। कृष्णलीला में कृष्णजन्म, माखनचोरी, कलियादमन और कृष्ण की विभिन्न लीलाओं को क्लास 7 के बच्चों ने दिखाया वहीं, सम्पूर्ण रामायण की सुंदर प्रस्तुति क्लास 6 के बच्चों ने की। महाभारत में द्रौपदी चीर हरण , चौसर का खेल और महाभारत के युद्ध का नृत्यरूपांतरण क्लास 9 के स्टूडेंट्स के द्वारा दिखाया गया। दशावतार नृत्यनाटिका के माध्यम से विष्णुजी के दस अवतारों को दिखाया गया। शिव तांडव और समुद्र मंथन एवं गणेश जी की उत्पत्ति को क्लास 11 की स्टूडेंट्स ने दिखाया वहीं महाकाल भगवान शिव के भक्तों का वीररस से भरपूर नृत्य क्लास 10 के स्टूडेंट्स ने दिखाया। इसके अलावा महाराष्ट्र के लोकनृत्य गोंधळ की सुंदर प्रस्तुति ने मन मोह लिया। पिता के लिए समर्पित नृत्य नाटिका मेरे पापा के मार्मिक चित्रण ने दर्शकों में अपनी अमित छाप छोड़ी। वहीं भारतीय योग तथा डंबल एवं लेझिम ड्रिल का भी सुंदर प्रदर्शन स्टूडेंट्स के द्वारा किया गया। स्कूल के संगीत विभाग के स्टूडेंट्स ने मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे, राम आएंगे के गायन की प्रस्तुति देकर मल्हार में एक अलग समां बांध दिया। लाल बहादुर शास्त्री के द्वारा दिया गया नारा जय जवान , जय किसान को अपने नृत्य के माध्यम से क्लास 10 के बच्चों ने दिखाया। इस तरह मल्हार 2023 विभिन्न भारतीय संस्कृति को दिखाते हुए विविधताओं से भरपूर रहा। मल्हार 2023 में कार्यक्रम संचालन की भूमिका हेड बॉय सार्थक केशरवानी, हेड गर्ल आद्या उपाध्याय के साथ , अनुराग यादव, भूमिका देवांगन, शार्वी केशरवानी, आदर्श पटेल एवं अलीशा परेडा ने संभाली। इस तरह मल्हार 2023 में लगभग 1600 बच्चों ने विभिन्न प्रतिभाओं का प्रदर्शन कर इस मल्हार को विशेष बना दिया।

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