शिक्षक दिवस पर शिक्षा विभाग ने सजाया राजनीतिक मंच

“प्रखरआवाज@न्यूज़”
पार्टी नेता रहे मंचासीन, जप अध्यक्ष व राष्ट्रीय पार्टी के अन्य अध्यक्षों की अनदेखी
जिले के कार्यक्रमों में मीडिया को सूचना तक नहीं, जर्जर भवन और टूटी कुर्सियों में संपन्न हुआ शिक्षक दिवस कार्यक्रम
सारंगढ़ बिलाईगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में शिक्षा विभाग ने शिक्षक दिवस के पावन अवसर को राजनीतिक विवादों का बड़ा मंच बनाकर रख दिया, इसके पूर्व भी जिला प्रशासन के कार्यक्रमों में जहां सत्ता पक्ष के नेताओं को न्योता, कुर्सी और मंच प्रदान होता है वही अन्य राष्ट्रीय संगठन के नेताओं एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को न्योता तक न मिलाना विभाग के एक पक्षीय रवैया और राजनीतिक दबाव को साफ जाहिर करता है।
गौरतलब हो कि सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला शिक्षा विभाग हमेशा से विवादों के घेरे में रहा है। शिक्षक दिवस का पावन पर्व जहां मंच पर बिना कोई तैयारी के जर्जर भवन, टपकती छत, टूटी कुर्सियों से संपन्न हो पाया। जिले के लिए यह बड़ा ही दुर्भाग्य का विषय है की जिला स्तर पर कोई आयोजन होता है और केवल औपचारिकताओं को पूर्ण किया जाता है, समाज और देश के भविष्य को शिक्षित करने वाले शिक्षाविदो का क्या सही मायनों में यही सम्मान है। साहब सारंगढ़ अब जिला बन चुका है विभागों को जिले के अनुसार कार्यशैली अपनानी होगी, जिले के अनुसार विभागों के कार्यक्रमों का संचालन करना होगा, अब डर्राशाही और खानापूर्ति को चंद विभागों को त्यागना होगा? जिला बनने के सालों बीतने के बाद भी आज भी चंद विभाग के चंद अधिकारी अपडेट नजर नहीं आ रहे हैं जिला स्थापना को 3 वर्ष बीत चुके हैं हमारे जिले का सम्मान करना होगा । सत्ता पक्ष के नेताओं को आमंत्रित कर विशेष रूप से जगह दी जा रही है देना भी चाहिए सभी का सम्मान हो मगर किसी पक्ष को नजर अंदाज कर किसी का अपमान भी नहीं होना चाहिए वहीं सारंगढ़ में निर्वाचित जनपद अध्यक्ष व दूसरे संगठन के जिलाध्यक्षों को न्योता तक नहीं मिलने की जानकारी है। क्या शिक्षा विभाग दलगत राजनीति से प्रेरित है, इसके पूर्व भी जिला प्रशासन के कार्यक्रमों में जहां एक पार्टी नेताओं को सूचना मिलती है तो वहीं अन्य पार्टी नेताओं और जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम से दूर रखा जाता है। हद तो तब हो गई जब शिक्षक दिवस के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की सूचना मीडिया तक को नहीं दी गई।
जिला प्रशासन के कई कार्यक्रमों में जहां सत्ता पक्ष के नेताओं को आमंत्रण सूचना दी जाती है तो वहीं विपक्ष में बैठे राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्षों को वह निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को नजर अंदाज करना किसी दलगत राजनीति की ओर इशारा करता है। उक्त लेख के बाद क्या जिला प्रशासन उक्त विषयों पर संज्ञान लेगा ?