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शिक्षा विभाग बेसुध,,,सारंगढ़ में कई स्कूल बंद होने के कगार में

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“प्रखरआवाज@न्यूज”

कई स्कूलों में 1 बच्चे 4 शिक्षक तो कहीं 4 छात्र और पढ़ा रहे 6 शिक्षक,,,

सारंगढ़ के राजा पारा पुत्री शाला स्कूल 4 बच्चे 6 शिक्षक, फुलझरिया पारा स्कूल में 1 बच्चे 4 शिक्षक ग्राम सेमरा पाली में 2 बच्चे 2 शिक्षक धन्य है शिक्षा विभाग,,,

बीईओ ने देर से आने पर परसदा स्कूल के 5 शिक्षकों को दिया नोटिस,

शिक्षा विभाग में नेतागिरी हावी सफेदपोस नेता कर रहे हैं शिक्षक नेताओं का सम्मान

ज्ञापन सौंपने आंदोलन करने रैली निकालने हंगामा करने में व्यस्त नेता नुमा शिक्षक

कहीं वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर शिक्षक को बनाया गया प्रधान पाठक, वरिष्ठ शिक्षक को भेजा गया अन्यत्र, लेने देन की चर्चा

बाबूराज से सारंगढ़ जिले की जनता त्रस्त

सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ बिलाईगढ़ कहने को तो जिला बन गया मगर जिला बनने के बाद जिला कार्यालयों की हाल बद से बदतर है,, कई जिला कार्यालयों में बाबूराज इस कदर हावी है कि जिले के जनप्रतिनिधियों समाजसेवियों को भी सोशल मीडिया के माध्यम से सफेद पोश कुर्शीधारी जननेता व जिला प्रशासन को गुहार लगाई जा रही है। क्या वरिष्ठ ईमान दार अधिकारी और शिक्षित दबंग जनप्रतिनिधियों के कमी का फायदा उठा रहे हैं चंद कर्मचारी ?

गौरतलब हो कि सारंगढ़ शिक्षा विभाग हमेशा से अपने कारनामों को लेकर सुर्खियां बटोरता रहा है उस पर जिला हो या फिर ब्लॉक कोई भी काम के लिए बाबूराज हावी है। लंबे समय से सारंगढ़ विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय बाबूओ के कार्यप्रणाली से आम जनता परेशान है। सारंगढ़ शिक्षा विभाग और उनके अधिकारियों का हाल देखें तो यहां यह बताना लाजमी होगा की सारंगढ़ शहर के अंदर जिला शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय और उक्त अधिकारियों के बैठने के बाद नगर के अंदर फुलझरिया पारा प्राथमिक स्कूल जहां 1 बच्चा अध्ययनरत है वहां 4 शिक्षक पदस्थ है, सारंगढ़ नगर के राजा पारा वार्ड क्रमांक 13 पुत्री शाला प्राथमिक स्कूल में 4 बच्चे अध्ययनरत हैं तो वहां 6 शिक्षक पदस्थ है, ग्राम पंचायत सेमरा पाली में 2 छात्र अध्ययनरत है जहां 2 शिक्षक पदस्थ है वही इसके पूर्व नगर के अंदर रानीसागर प्राथमिक स्कूल बच्चों की कमी से अन्यत्र स्थानांतरण कर दी गई या दूसरों शब्दों में रानीसागर प्राथमिक शाला स्कूल को मर्ज कर बंद कर दिया गया वही हाल अब सारंगढ़ के शहर और ब्लाकों के कई स्कूलों का है। एक ओर सरकार स्वामी आत्मानंद स्कूल की खूबी गिना रही है, सरकार से जुड़े तमाम जनप्रतिनिधि अपने भाषणों में आत्मानंद स्कूल के बखान करने से नहीं थकते तो दूसरी ओर सारंगढ़ अंचल में शिक्षा का हाल इस कदर बेहाल है की कई सरकारी स्कूलों में बच्चे एडमिशन नहीं ले रहे या फिर वहां से अपना स्थानांतरण करवा रहे हैं। जिसका ताजा उदाहरण है कि सारंगढ़ के कई स्कूलों में महज 2 या 4 छात्र ही बच गए हैं और इन दो – चार छात्रों को पढ़ाने के लिए आधा दर्जन से भी अधिक शिक्षक अच्छी शिक्षा का हवाला देकर उन स्कूलों में डटे हुए हैं इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की शिक्षा विभाग वहां पदस्थ शिक्षा अधिकारी और स्कूलों के शिक्षक कितनी इमानदारी से सरकार की मोटी पगार लेकर बच्चों को शिक्षा दे रहे।

सारंगढ़ क्षेत्र में शिक्षा का आलम यह है कि कई शिक्षक बड़े-बड़े पदों का हवाला देकर मैं इस शिक्षा संगठन का अध्यक्ष मैं प्रदेश तो मैं जिला तो मैं ब्लॉक अध्यक्ष या तो ज्ञापन सौंप रहे है या कलेक्ट्रेट का घेराव कर रहे या जिला शिक्षा कार्यालय में हंगामा मचा रहे, जिसका ताजा उदाहरण अभी हाल ही में एक शिक्षक नेता को निलंबन की कार्यवाही की गई। आखिर यह सब पढ़ाते कब है और धन्य है सारंगढ़ के कुर्सी धारी जन प्रतिनिधि जो इन्हें बड़े-बड़े मंचों पर सम्मानित कर रहे है।

सोशल मीडिया में भाजपा के नेता ने लेन-देन का लगाया आरोप तो कांग्रेस के नेता ने भी शिक्षा विभाग को लेकर किया विधवा विलाप – सूत्रों के अनुसार सोशल मीडिया में कुछ दिनों पूर्व भाजपा के नेता ने शिक्षा विभाग में बीईओ के पद को लेकर लेनदेन का बड़ा आरोप जनप्रतिनिधियों पर लगाया जिससे क्षेत्र में खलबली मच गई मामला था बरमकेला अंचल में वरिष्ठ अधिकारियों के रहते एकाएक सारंगढ़ के शिक्षक को बीईओ का पद मिलना चर्चा तो होनी ही थी वहीं दूसरी ओर कॉन्ग्रेस आईटी सेल के जिलाध्यक्ष ने शिक्षा विभाग में चल रहे बाबूराज को लेकर लेख लिख डाले और बड़े नेताओं से अपना दुख दर्द बयां किया।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कनकबीरा संकुल क्षेत्र के एक स्कूल में वरिष्ठता क्रम को दरकिनार कर लगभग 5 से 7 वर्षों से मातहत कार्यरत शिक्षक को प्रधान पाठक बना दिया गया और उनसे कनिष्ठ शिक्षक को प्रधान पाठक बनाकर पति पत्नी को उसी स्कूल में पदस्थ कर दिया गया, उस बेचारे वरिष्ठ शिक्षक को अन्यत्र तबादला कर दिया गया, प्रधान पाठक अपने ही रिश्तेदार के प्रतिदिन स्कूल आने या ना आने पर क्या बोलेंगे? शिक्षा विभाग में कुछ भी संभव है। क्या ऐसे अधिकारियों पर जिला प्रशासन कसावट बरतेगा। अब पदस्थापना से लेकर स्थानांतरण तक शिक्षा विभाग के बाबुओं से लेकर अधिकारी तक लेन दिन की जन चर्चा सुर्खियां बटोर रही है।

बीईओ ने परसदा स्कूल के शिक्षकों को लेटलतीफी पर दिया नोटिस – सारंगढ़ विकासखंड के शिक्षा अधिकारी रेशम कोसले बीईओ ने ग्रामीण अंचल के स्कूलों का औचक निरीक्षण किया जहा ग्राम परसदा के स्कूल पहुंचने पर शिक्षक 12:30 बजे तक स्कूल परिसर में नहीं पहुंचे थे खंड शिक्षा अधिकारी ने 5 शिक्षकों के नाम पर नोटिस जारी किया। इससे पता चलता है कि सारंगढ़ के कई स्कूलों में शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते अगर 1 या 2 शिक्षक होते तो बात बन जाती लगभग आधा दर्जन शिक्षक घंटों देर तक ना होना अंदाजा लगाया जा सकता है सारंगढ़ विकासखंड में शिक्षा का हाल क्या है?

क्या कहते हैं अधिकारी
“कुछ स्कूलों में बच्चे कम है और शिक्षक ज्यादा है वहा उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शक और निर्देश पर मर्ज कर अन्यत्र स्कूल किया जाएगा वही शिक्षकों को जिन स्कूलों में शिक्षक कम है वहां भेजने की कार्यवाही नियमानुरूप की जाएगी।”

श्रीमती डेजी रानी जांगड़े
जिला शिक्षा अधिकारी सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला

“सारंगढ़ विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि उक्त विषय पर पूरी जानकारी जल्द एकत्रित की जाएगी और उच्चधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्यवाही भी की जाएगी। परसदा स्कूल के शिक्षक निरीक्षण के दरमियान स्कूल नहीं पहुंचे थे जिन्हें मेरे द्वारा नोटिस जारी किया गया है और मैंने बैठक में साफ कह दिया है कि शिक्षक सर्व प्रथम बच्चों को समय सीमा में उचित शिक्षा प्रदान करें शासन के दिशा निर्देशों के अनुरूप कार्य करें कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जल्द ही ग्रामीण और शहरी अंचल के सरकारी और निजी स्कूलों का सघन निरीक्षण किया जाएगा।

रेशम कोसले
खंड शिक्षा अधिकारी सारंगढ़

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