सत्यम उठा रहे घर की जिम्मेदारी तो रिद्धि कर रही पिता का आर्थिक सहयोग
*”प्रखरआवाज@न्यूज़”*
रायगढ़/मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखने वाली चक्रधरनगर रायगढ़ निवासी रिद्धि ठाकुर संयुक्त परिवार में पली बढ़ी। परिवार में सदस्यों की संख्या अधिक होने एवं मासिक आय से पूरे परिवार का भरण पोषण मुश्किल से हो पाता था। रिद्धि ठाकुर 12 वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात अपने पैरो में खड़े होकर पिता के साथ परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उठाना चाहती थी। उन्हे समझ नही आ रहा था कि किस प्रकार का रोजगार की तलाश किया जाए। इस दौरान रिद्धि ठाकुर को रायगढ़ लाईवलीवुड कॉलेज में नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से मिली। इसके बाद लाईवलीहुड कॉलेज में हो रहे काउसलिंग में रिद्धि ठाकुर ने भाग लेकर कॉलेज में उपलब्ध सभी ट्रेड की जानकारी प्राप्त की तथा उन्होंने स्वरूचि से मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत ऑफिस अस्सिटेंट ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त करने का निर्णय लिया। प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात कैम्पस सलेक्सन के माध्यम से रिद्धि ठाकुर को सुधीर फार्मा रायगढ़ जॉब मिला। उसे प्रारंभिक माह से 8 हजार रूपये की आय प्राप्त होने लगी। आज पिता के साथ रिद्धि ठाकुर की मासिक आय परिवार के लिए अतिरिक्त आमदानी का कार्य कर रही है जिससे उसका परिवार अत्यंत खुशहाल हैं। इसी आमदनी के सहायता से उसने स्वयं के लिए दो पहिया वाहन एवं स्मार्ट फोन क्रय कर चुकी है।
केलो विहार रायगढ़ निवासी श्री सत्यम कुमार नायक जो एक मध्यम वर्गीय परिवार से संबंधित है। वह अपने परिवार का इकलौता पुत्र है, जिन पर घर व बहन की शादी की भी जिम्मेदारियां हैं। पढ़ाई में रूचि कम होने के कारण वह 12 वीं के पश्चात आगे नहीं पढ़ सके, लेकिन सत्यम चाहता था कि वह भी औरों की तरह किसी अच्छे व्यवसाय अथवा रोजगार से जुड़े। इसी दौरान उसे रायगढ़ लाईवलीहुड कॉलेज की जानकारी प्राप्त हुई और उसने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना अंतर्गत ऑफिस अस्सिटेंट ट्रेड में प्रशिक्षण प्राप्त करने का निर्णय लिया। प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात सत्यम की नौकरी एम.आर.टेंट हाऊस रायगढ़ में मैनेजर के रूप में कार्यरत है। आज श्री सत्यम नायक की आमदनी 15 हजार प्रतिमाह है। आज वे सफलता पूर्वक कार्य करते हुए अपनी परिवार की जिम्मेदारियां बखूबी उठा पा रहे है। रिद्धि ठाकुर एवं श्री सत्यम अपनी सफलता का श्रेय रायगढ़ लाईवलीहुड कॉलेज द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण को देते है। श्री सत्यम कहते है कि बेहतर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन के फलस्वरूप यह संभव हो पाया है।