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सारंगढ़ अस्पताल हुआ बीमार, छह माह से बंद पड़ा नया सोनोग्राफी मशीन

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“प्रखरआवाज@न्यूज”

ऑपरेशन थिएटर होने के बावजूद माह भर में महज दो सीजर ऑपरेशन लगभग 30 पेसेंट रिफर

हाउसिंग बोर्ड द्वारा कछुआ गति से चल रहा हमर लाइव एवं ब्लड बैंक कक्ष का निर्माण कार्य

सर्जन और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी झेल रहा सारंगढ़ अस्पताल

डीपीएम जिला प्रभारी पर परिसर के मैनेजमेंट को लेकर लगा बड़ा प्रश्न चिन्ह

सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ कहने को तो अब सारंगढ़ बिलाईगढ़ नया जिला बन चुका है मगर अब भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सारंगढ़ को जिला अस्पताल का नाम और सुविधा प्रशासनिक रूप से नहीं मिल पाया है। किसी भी जिले या ब्लॉक की सबसे अहम सरकारी व्यवस्था मानी जाए तो वह चिकित्सा विभाग प्रमुख माना जाता है जहां हर स्तर पर रखरखाव सुविधा फंड तथा शासन की लाभान्वित योजनाएं के साथ चिकित्सा सुविधा को प्रमुखता दी जाती है परंतु सारंगढ़ का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अपने चिकित्सा सुविधा और अन्य व्यवस्थाओं को लेकर हमेशा से सुर्खियां बटोरता आया है कभी अस्पताल परिसर में आवारा पशुओं का बेड में सोना तो कभी अस्पताल परिसर की स्वच्छता बेडशीट और तकिए की मलिन ता सुर्खियां बनती है तो कभी देर रात्रि को चिकित्सकों का अस्पताल से नदारद होना सही समय में मरीजों को चिकित्सा सुविधा ना मिल पाना या फिर नॉर्मल केस को भी रीफर करने जैसा अमलीजामा पहनाते चंद चिकित्सक और अधिकारी नजर आते हैं बार-बार वरिष्ठ अधिकारियों की धमक निर्देश, जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद भी चिकित्सा विभाग के कान पर जूं तक नहीं रेंगती अगर सही मायनों में कहा जाए तो अस्पताल बीमार को ठीक करने का केंद्र कहा जाता है मगर यहां तो पूरा अस्पताल ही बीमार नजर आता है।

गौरतलब हो कि सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को लगभग 6 माह से भी अधिक समय बीत गया जहां लाखों करोड़ों रुपए की सोनोग्राफी मशीन प्रदाय की गई उक्त मशीन को ऑपरेट करने के लिए एक महिला गायनोकोलॉजिस्ट चिकित्सक की नियुक्ति भी की गई मशीन को अपडेट भी किया गया लेकिन कुछ दिनों में उक्त चिकित्सक ने अपना तबादला करवा लिया अब लाखों की मशीन को चूहों के डर से स्टोरेज कक्ष में हिफाजत से रख दिया गया है।

विश्वस्त सूत्रों की माने तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लगभग 70 से 80 महिलाओं की डिलीवरी होती है जिन्हें दो से तीन बार सोनोग्राफी कराने के लिए निजी लैब या अन चिकित्सकों के निजी डिस्पेंसरी में लगे सोनोग्राफी मशीन से हजारों रुपए देकर जांच करानी पड़ती है। सोनोग्राफी मशीन को ऑपरेट करने के लिए संबंधित अधिकारियों ने कई पत्राचार किए मगर अब तक शासन और प्रशासन का कोई जवाब नहीं आया।

सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नया ऑपरेशन थिएटर निर्मित हो चुका है जहां 1 महीने में लगभग महज एक या दो सीजर ऑपरेशन किए जाते हैं और लगभग 30 से 35 सीजर ऑपरेशन के केसों को रेफर कर दिया जाता है जहां अधिकांश का मरीज निजी अस्पतालों के शरण ले रहे हैं।

हाउसिंग बोर्ड द्वारा हमार लैब एवं ब्लड बैंक कक्ष का निर्माण कार्य चल रहा कछुआ गति – सूत्रों की माने तो सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में करोड़ों रुपए के निर्माण कार्य निर्माणाधीन है जहां हाउसिंग बोर्ड द्वारा हमर लैब एवं ब्लड बैंक कक्ष निर्माण का कार्य लंबे समय से निर्माणाधीन है परंतु इसकी गति कछुए की चाल से भी कम है साथ ही अस्पताल परिसर में चल रहे कई निर्माण कार्य अपनी अनियमितताओं के राज खुद-ब-खुद खोल रहे हैं।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भले ही जिला अस्पताल का तमगा ना मिला हो लेकिन जिला चिकित्सा अधिकारी और बी पी एम के जगह डीपीएम जिला प्रभारी की नियुक्ति कर दी गई है। प्रभारी डीपीएम के कार्यशैली को लेकर निरंतर कई प्रश्नचिन्ह खड़े हो रहे हैं। अस्पताल परिसर में स्वच्छता नालियों से बहता हुआ ओवरफ्लो पानी निर्माण कार्यों की कछुआ गति सामान खरीदी बेडशीट चादर खाने की व्यवस्था निरंतर मीडिया में सुर्खियां बनी हुई है। वही सर्वप्रथम स्वास्थ्य केंद्र में सर्जन और विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी सबसे बड़ी समस्या है जल्दी शासन को इस और ध्यान देना होगा नहीं तो चिकित्सा सुविधा और शासन की योजना महज बंद कमरे में हो रहे आयोजनों और कागजों के दिखावे में ही रह जाएंगे। जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ निराला जो शासन से कई वक्त पुरस्कृत हो चुके हैं उनकी कार्यशैली चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत ही उम्दा और सराहनीय मानी गई है उनके देखरेख में सारंगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और चंद अधिकारियों के ढर्रे में तब्दीली देखने को तो मिली है। वही सारंगढ़ में ड्रग और फूड अधिकारियों के नियुक्ति के बाद कार्यवाही की दिशा और दशा भी तय नहीं दिखती। स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सारंगढ़ का चिकित्सा विभाग और कर्मचारी की कमी की मार झेल रहा है, जहां जनप्रतिनिधि और जिलाधिकारी भी अब तक बेबस नजर आ रहे हैं।

क्या कहते हैं जिला चिकित्सा अधिकारी – जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ निराला ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन को लेकर कुछ कमियां थी अस्पताल परिसर में मैं बेडशीट तकिए और स्वच्छता का उम्दा इंतजाम करने का निर्देश दिया है साथ ही महीने में कम से कम 5 से अधिक सीजर ऑपरेशन करने और अंतिम परिस्थितियों में ही मरीजों को रेफर करने का निर्देश दिया गया है साथ ही अन्य सुविधाओं को लेकर भी कार्य योजना के साथ प्रभारी डीपीएम को निर्देशित किया गया है अस्पताल परिसर में दवाई वितरण कक्ष, ओटी, ओपीडी, सभा कक्ष, बच्चों के वार्ड, आइसोलेशन वार्ड में भी फेरबदल कर पुनः सर्वसुविधा युक्त करवाया जा रहा है साथ ही कॉफी मशीन ऑपरेट करने के लिए संबंधित चिकित्सक और ऑपरेटर के लिए भी शासन को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों से मुलाकात कर जल्द व्यवस्था की बात की जा रही है। आने वाले कुछ महीनों में सारंगढ़ की चिकित्सा सुविधा व्यवस्था और अधिक बेहतर नजर आएगी।

एफ आर निराला
जिला चिकित्सा अधिकारी
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला

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