छत्तीसगढ़सारंगढ़ बिलाईगढ़

सारंगढ़ उपजेल 50 की क्षमता और रह रहे 200 बंदी

एक मात्र ट्यूबवेल जो गर्मी के 5 माह हो जाता है बंद

उपजेल में नहीं है ओवरहेड पानी टैंक

बिना बाउंड्रीवॉल का उपजेल की सुरक्षा कॉलेज के बाउंड्रीवॉल में टीका

जेल तक पहुंचने की सड़क भी भगवान भरोसे

सारंगढ़ बिलाईगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में एकमात्र उप जेल सारंगढ़ जो लगभग सन 2010-11 में निर्माण हुआ और 50 बंदियों की क्षमता के अनुरूप उप जेल निर्माण के बाद कुछ धाराओं में बंदियों को यहां रखा जाने लगा लगभग 15 वर्ष बीतने के बाद उक्त उपजेल को नए जिले में शामिल किया गया लेकिन आज भी यह अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। जेल के अंदर बंद बंदी का 2 फीट जगह में भी सो पाना दुभर है महज 50 बंदियो की क्षमता वाला यह उप जेल जिसमें वर्तमान में लगभग 200 बंदी बंद है जिनके ना तो सोने की जगह है और ना ही नहाने और धोने की जगह। कइयों को तो लंबे समय बंद रहने के बाद कई बीमारियां भी अपनी चपेट में ले लेती है। उप जेल और उसमें रह रहे बंदी का यह कहे तो भगवान ही मालिक है, जिस पर ए मालिक तेरे बंदे हम का गीत सटीक बैठता है,,,,,,,

“गर्मियों में पानी की समस्या से जूझते हैं बंदी” – गर्मियां आने से जहां वैसे ही बंदी को उमस और तपिश की मार झेलनी पड़ती है तो वही एकमात्र चल रहा बोर बंद हो जाता है, 4 से 5 महीने पानी की समस्याओं से लगातार जूझते रहते हैं यहां तक की नगर पालिका को टैंकर तक जेल में भेजना पड़ता है वैसे तो जेल में ओवरहेड टैंक होने चाहिए मगर अब तक ना तो ओवरहेड टैंक है और ना ही पर्याप्त बोर।

“बाउंड्री वॉल की समस्या से जूझ रहा है उपजेल” – जैसे ही जेल शब्द का उल्लेख होता है तो सबसे पहले आम लोगों का ध्यान जेल की सुरक्षा और सुरक्षा के ऊपर उसके बाउंड्री वॉल पर पहले पड़ता है। उप जेल तो बना मगर पूर्ण बाउंड्री वॉल की सुविधा उप जेल को आज तलक नहीं मिल पाई। सारंगढ़ शासकीय महाविद्यालय की चार दिवारी के सहारे उप जेल की सुरक्षा टिकी हुई है।

“मुख्यमंत्री ने दो बैरक का किया भूमिपूजन” – वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन के मुख्यमंत्री ने नए दो बैरक कमरे का भूमि पूजन किया है मगर लोक निर्माण विभाग की कार्य प्रणाली सुस्त और कछुआ गति की है जो अभी भी अधर में लटका हुआ है।

गौरतलब हो की जेल में बंद बंदियों की स्थिति बद से बदतर है जहां रहने के लिए उन्हें डेढ़ से 2 फीट की जगह में एक करवट ही सोना पड़ता है वही शासन की सुविधाओं पर भी बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है?

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