सारंगढ़ में पारंपरिक व ऐतिहासिक गढ़ विच्छेदन एवं रावण पुतला दहन कार्यक्रम हुआ संपन्न
“प्रखरआवाज@न्यूज”
राजा पुष्पा सिंह ने उमड़े जनसैलाब व क्षेत्रवासियों को दशहरा की शुभकामनाएं दी
दीनबंधु मानिकपुरी खैराहा ने तोड़ा गढ़, मिली वीर की उपाधि
सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ में लगभग 200 से भी अधिक वर्षों से निरंतर चले आ रहा सारंगढ़ विजय दशमी दशहरा उत्सव का गढ़ विच्छेदन एवं रावण का पुतला दहन पारंपरिक ऐतिहासिक कार्यक्रम राजा पुष्पा देवी सिंह, राज परिवार के द्वारा शुभारंभ किया गया उक्त कार्यक्रम गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में गरिमा पूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। उक्त ऐतिहासिक कार्यक्रम जिसे देखने और कार्यक्रम के गवाह बनने लगभग 15 हजार से भी अधिक जनमानस की उपस्थिति रही। उक्त कार्यक्रम का शुभारंभ विधिविधान से राज परिवार कि राजा पुष्पा देवी सिंह पूर्व सांसद जी के जनमानस की खुशहाली की कामना एवं दशहरा के बधाई संदेश से प्रारंभ हुआ।
गढ चौक में राज परिवार कार्यक्रम स्थल पहुंचकर गढ़ उत्सव के शुभारंभ करने की अनुमति दी। मंच का लंबे समय से संचालन करने वाले प्रखर वक्ता गोपाल स्वर्णकार जी ने लोक परंपरा व ऐतिहासिक कार्यक्रम के विषयों को बड़े ही शायराना अंदाज से आम जनता के बीच रखा। राज परिवार के आगमन पर उनका भव्य स्वागत सत्कार किया गया। मंच पर राजा पुष्पा सिंह (पूर्व सांसद) जी के साथ राज परिवार से मेनका देवी सिंह, डॉ परिवेश मिश्रा, सुश्री कुलिशा मिश्रा, यशराज बाबा, राज पुरोहित शशिकांत तिवारी, विधायक श्रीमती उत्तरी गणपत जांगड़े, श्रीमती पदमा घनश्याम मनहर उपाध्यक्ष अनुसूचित जाति आयोग, जिला कलेक्टर डी राहुल वेंकट, जिला पुलिस कप्तान राजेश कुकरेजा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती संध्या तिवारी एसडीएम श्रीमती मोनिका वर्मा, श्रीमती सोनी बंजारे नपा अध्यक्ष, घनश्याम मनहर, नंद किशोर गोयल, रामनाथ सिदार उपाध्यक्ष नपा, एडिशनल एसपी महेश्वर नाग, मनीष कुमार डीएसपी, एसडीओपी प्रभात पटेल, थाना प्रभारी विजय चौधरी जीवन यादव सीएमओ विभागीय अधिकारी अंचल के गणमान्य जन, समाजसेवी आसीन रहे।
राजा पुष्पा देवी सिंह ने मंच को संबोधित करते हुए सारंगढ़ वासियों को और समस्त लोकजन के कल्याण की कामना की। उन्होंने ऐतिहासिक परंपरा को बताते हुए सदैव राज परिवार के द्वारा इस परंपरा का निर्वहन करने का संदेश दिया। उन्होंने सारंगढ़ की जनता की खुशहाली के लिए माता समलेश्वरी से कामना की व कार्यक्रम के शुभारंभ करने की अनुमति दी।
बड़े ही जद्दोजहद के बाद टूटा गढ़ – गढ़ तोड़ने वाले में दर्जनों प्रतिभागी शामिल रहे, जिन्होंने हजारों की तादाद में उपस्थित आम जनता के बीच खुले बदन जिनके पतन में नंबर लिखे हुए थे घंटों देर तक गढ में चढ़ने की जद्दोजहद करते रहे, नीचे से अन्य प्रतिभागी उनके पैरों खींच रहे थे तो ऊपर चढ़े गढ़ रक्षक किशोर यादव नरेश गुप्ता ने गढ़ में चढ़ रहे प्रतिभागियों को बड़े ही मशक्कत से गढ़ में चढ़ने से रोकने का प्रयास करते रहे। अंततः खैराहा नपा निवासी दीनबंधु मानिकपुरी गढ तोड़ने में कामयाब रहे। जिन्हें राजा पुष्पा देवी सिंह एवं राजपरिवार ने तिलक लगाकर सम्मानित कर पुरस्कृत किया और उसे वीर की उपाधि दी। गढ़ विच्छेदन के पश्चात विशालकाय रावण के पुतले का दहन किया गया। कार्यक्रम में प्रशासनिक अमला एवं पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखा जो अंत तक हजारों की भीड़ को संभालते और आवागमन को सुधारते दिखे।