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स्कार्पियो को तेज रफ्तार ट्रक ने मारी जोरदार टक़्कर

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“प्रखरआवाज@न्यूज़”

फिल्मी सीन की तरह घसीटते गई कार

बेरिकेट दुर्घटना रोकने पर्याप्त नही

सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले मे दानसरा बाईपास को दुर्घटना जोंन का नाम दिया गया है। क्यूंकि सारंगढ़ बरमकेला को जोड़ने वाली सड़क और रायगढ़ सराईपाली नेशनल हाइवे का क्रॉस बाईपास बेरियर के समीप ही होता है। जहाँ ठेकेदार द्वारा सड़क बनाते समय सुरक्षा मापदंडो को नजरअंदाज किया गया जिसका ख़ामियाजा दर्जनों एक्सीडेंट के परिणाम स्वरूप आम जनता चुका रही है। जहाँ बेढंगे बने ब्रेकर और सूचना पटल की कमी के खातिर निर्दोष व्यक्ति अपनी जान जोखिम मे डालने विवश हैँ।

सिंगारपुर के वाहन चालक तेज वाहन के चपेट मे –

ग्राम पंचायत सिंगारपुर के वाहन चालक श्री डमरुधर जो कि वर्षो से वाहन चलाते आ रहे हैँ। लोगों की माने तो एक उम्दा वाहन चालक हैँ, जो अपने परिवार के कमाउ सदस्य हैँ।
दिनांक 14-12-22 को सुबह लगभग 09 बजे करीब अपने गाँव सिंगारपुर से सारंगढ़ की ओर जा रहे थे। तभी दानसरा बाईपास चौराहे के पास सराईपाली तरफ से तेज रफ्तार ट्रक ने जबरजस्त ठोकर मारा जिससे वाहन चालक को गंभीर चोट आई है,और वाहन छतिग्रस्त हो गया है।

एसपी राजेश कुकरेजा के पहल पर थाना प्रभारी विजय चौधरी ने लगाई थी हाफ बेरिकेट –

रायगढ़ टाईम्स ने जिला बनते ही संवेदनशील एसपी और थाना प्रभारी को दुर्घटना जोन के बारे मे इंगित किया था जिस पर स्वयं एसपी, एसडीओपी और थाना प्रभारी ने उक्त स्थल का निरीक्षण कर दानसरा और बरमकेला मार्ग मे बेरिकेट लगाने निर्देशित किया था जिसमे सारंगढ़ पुलिस के साथ स्वयं कोतवाल विजय चौधरी ने बेरिकेट मे रेडियम लगाकर दुर्घटना रोकने प्रयास किया था।

जब तक नेशनल हाइवे मे ब्रेकर या बेरिकेट नही तब तक घटेगी दुर्घटना –

ग्रामीणों का कहना है की हरदी तरफ से आने वाली तेज रफ्तार वाहन चालकों को सारंगढ़ बरमकेला रोड क्रास की जानकारी नही हो पाती, लिहाजा वो अपने रफ्तार को कंट्रोल नही कर पाते ऐसे मे बरमकेला या सारंगढ़ तरफ से आने वाले वाहन चालक नेशनल हाइवे पर तेज रफ्तार वाले बड़े वाहन के चपेट मे आकर काल की गाल मे समा जाते हैँ। कुछ ही खुदकिस्मत होते हैँ जो बच पाते हैँ।

प्रशासन तत्काल दें ध्यान –

पुलिस के सराहनीय प्रयास के बावजूद चौराहे पर नेशनल हाइवे मे सूचना पटल, बेरिकेट नही लगने पर वाहन चालकों को सड़क का भान नही हो पाता। इसलिए हाइवे मे गति नियंत्रित करने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाना पड़ेगा ताकि निर्दोषों की जान बच सके।

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