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डिप्टी मैनेजर जितेंद्र नागरकर का शव बरामद, 16 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बरामद किया गया शव

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कोरबा में एसईसीएल की कुसमुंडा कोल परियोजा में खदान के निरिक्षण के दौरान पानी के तेज बहाव में बहे डिप्टी मैनेजर जितेंद्र नागरकर का शव बरामद कर लिया गया है। करीब 16 घंटे तक चले रेस्क्यु ऑपरेशन के बाद रविवार की सुबह उनकी लाश मलबे में दबी हुई मिली।

कोरबा में एसईसीएल की कुसमुंडा कोल परियोजा में खदान के निरिक्षण के दौरान पानी के तेज बहाव में बहे डिप्टी मैनेजर जितेंद्र नागरकर का शव बरामद कर लिया गया है। करीब 16 घंटे तक चले रेस्क्यु ऑपरेशन के बाद रविवार की सुबह उनकी लाश मलबे में दबी हुई मिली। शनिवार की शाम खदान के निरिक्षण के दौरान जितेंद्र सहित पांच अधिकारी पानी के सैलाब में बह गए थे,जिनमें से चार ने तो खुद को बचा लिया, लेकिन जितेंद्र पानी के साथ बह गए और मौत हो गई।

कुसमुंडा कोयला खदान के भीतर पानी के सैलाब में बहे डिप्टी मैनेजर जितेंद्र नागरकर का शव बरामद कर लिया गया। एसईसीएल अधिकारी की मौत से पूरे प्रबंधन में हड़कंप मच गया है। सुरक्षा में चूक हादसे की वजह माानी जा रही है। बताया जा रहा है,कि जितेंद्र नागरकर सहित कुल पांच अधिकारी खदान के भीतर निरिक्षण पर थे। तभी पानी का ऐसा सैलाब आया,कि पांच को अपने आगोश में समा लिया।

कुसमुंडा के डिप्टी मैनेजरजितेंद्र नागरकर को छोड़कर बाकी चार अधिकारियों ने तो खुद को बचा लिया,लेकिन जितेंद्र पानी के साथ बह गए। तत्काल अधिकारी के रेस्क्यु के लिए बिलासपुर से एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया,जिनके द्वारा 16 घंटे तक रेस्क्यु ऑपरेशन चलाया गया और रविवार की सुबह उनकी लाश बरामद की गई।

ओवर बर्डन से भी मिट्टी और पानी के कारण जो हादसा खदान के अंदर हुआ उसने एसईसीएल की चूले हिला दी है । ओवर वॉर्डन के नाम पर जो भ्रष्टाचार किया जाता है उसकी भी कर्मचारियों और अधिकारियों के मध्य खूब चर्चा है।

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