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छत्‍तीसगढ़ के 15.18 लाख परिवारों को जल्द मिलेगा पीएम आवास, केंद्रीय मंत्री ने जल्द स्वीकृति देने का दिया आश्वास

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मुख्यमंत्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित 15.18 लाख परिवारों को अभी तक आवास की स्वीकृति नहीं मिली है। इसमें 6.99 लाख परिवार योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में हैं और 8.19 लाख परिवार आवास प्लस में शामिल हैं।

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली के कृषि भवन में कृषि व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इनमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन पर विशेष जोर दिया गया। मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित 15.18 लाख पात्र परिवारों के आवास का मुद्दा रखा, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने जल्द स्वीकृति देने का आश्वासन दिया है। इस दौरान उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद रहे।

6.99 लाख परिवार योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में

मुख्यमंत्री साय ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित 15.18 लाख परिवारों को अभी तक आवास की स्वीकृति नहीं मिली है। इसमें 6.99 लाख परिवार योजना की स्थायी प्रतीक्षा सूची में हैं और 8.19 लाख परिवार आवास प्लस में शामिल हैं। मुख्यमंत्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की आवश्यकता जताई।

उन्होंने कहा नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना-2011 और आवास प्लस 2018 की सूची में अनेक पात्र परिवारों का नाम शामिल नहीं हो सका है। उन्होंने 10,500 नए पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना में शामिल करने का अनुरोध किया और साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पंचायतों को आवास निर्माण की स्वीकृति देने की मांग की।

मनरेगा में मांगी छूट

मुख्यमंत्री ने मनरेगा योजना के तहत आधार आधारित भुगतान प्रणाली में 31 मार्च 2025 तक छूट देने का आग्रह किया, ताकि दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के श्रमिकों को योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट की कमी और अन्य समस्याएं हैं, जिससे आधार आधारित भुगतान में कठिनाई आ रही है।

इसके साथ ही इन क्षेत्रों में जब तक बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध न हो तब तक नकद भुगतान की अनुमति देने की मांग की। इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों में सड़क कनेक्टिविटी सुधार की आवश्यकता जताई, जहां कई बसाहटें बारहमासी सड़कों से जुड़ी नहीं हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में छूटे हुए आदिवासी क्षेत्रों को शामिल करने और पुरानी सड़कों के उन्नयन की मांग की।

पुलों की स्वीकृति की मांग

प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान के तहत 106 वृहद पुलों की स्वीकृति की प्रक्रिया की जानकारी दी और साथ ही छत्तीसगढ़ के लिए 426 छूटे हुए पुलों के निर्माण की मांग की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इन पुलों का निर्माण महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आदिवासी क्षेत्रों की सड़क कनेक्टिविटी सुधरेगी और नक्सल उन्मूलन अभियान को भी मदद मिलेगी।

कोदो-कुटकी को बढ़ावा

छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी और रागी जैसी मिलेट फसलों के उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इन फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ाना राज्य के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये पौष्टिक होती हैं और आदिवासी क्षेत्रों में प्रमुख खाद्य पदार्थ हैं। साथ ही, उन्नत तकनीक और बीजों की उपलब्धता से किसानों की आय बढ़ेगी।

केंद्रीय मंत्री चौहान ने छत्तीसगढ़ में कृषि व ग्रामीण विकास के विभिन्न प्रस्तावों पर जल्द से जल्द सकारात्मक पहल करने का आश्वासन दिया। बैठक में छत्तीसगढ़ से मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, पंचायत व ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक रजत बंसल एवं केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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