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सारंगढ़ शास कॉलेज के प्राचार्य डीआर लहरे के विरोध में जनभागी समिति, एनएसयूआई और छात्रों ने खोला मोर्चा

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“प्रखरआवाज@न्यूज़”

महीनों से नहीं कराया गया बैठक, छात्रो के जनभागी शुल्क का नही दिया हिसाब फिर भी हो रहा भुगतान

लैब समान, क्रीड़ा सामग्री, स्टेशनरी फर्नीचर व अन्य सामग्री क्रय में अनियमितता

टेंडर दूसरे दुकान का और सामान खरीदी दूसरे दुकान से प्राचार्य की मनमानी और तुगलकी रवैया

महाविद्यालय में पीने का पानी तक नहीं नैक मूल्यांकन की आड़ पर हो रहा लाखों का वारा- न्यारा

इसके पूर्व भी कॉलेज प्राचार्य के विरोध में एनएसयूआई ने किया था कॉलेज बंद हड़ताल

प्रोफेसरों भयभीत सीआर खराब होने का डर, प्रभारी प्रोफ़ेसर के पास नहीं रहता स्टॉक रजिस्टर या जानकारी

बार-बार कहने के बाद भी 6 महीने से नहीं रखा गया बैठक किसी भी भुगतान में मुझे कोई जानकारी नहीं – संजय दुबे

कॉलेज के प्राचार्य लहरें ने एडमिशन के लिए आए छात्र के मुंह पर फेंका आवेदन फार्म, छात्रों व पूर्व छात्रों से कर रहे हैं बदतमीजी – गोल्डी नायक

छात्रहित के विरोध में काम करना बंद करें प्राचार्य – शुभम बाजपेई

सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ पंडित लोचन प्रसाद पांडे शासकीय स्नातक महाविद्यालय के प्राचार्य डीआर लहरें के तानाशाही और तुगलकी रवैया को लेकर जनभागीदारी समिति एनएसयूआई और छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है। गौरतलब हो कि इसके पूर्व भी एनएसयूआई संगठन और पूर्व छात्र संघ ने महाविद्यालय प्राचार्य के अड़ियल रवैया और कई अनियमितताओं को लेकर जांच की मांग करते हुए कॉलेज को बंद करवाया था और हड़ताल की थी। उसके बाद कोविड- 19 के समय महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा जनभागीदारी समिति के लाखों रुपए के निर्माण कार्य को अंजाम दिया गया मगर समिति के अध्यक्ष और पदाधिकारी उक्त कार्य भुगतान को लेकर आज भी असमंजस में है।

प्रेस संपादक गोल्डी नायक ने कहा की सारंगढ़ कॉलेज के प्राचार्य डीआर लहरें के द्वारा जिस दुकान का टेंडर मंगाया गया उस दुकान के टेंडर को नजरअंदाज करते हुए अपने मनचाहे दुकान से सामान खरीदी की गई। सूचना के अधिकार की जानकारी के लिए टालमटोल करना उनकी आदत बन गई है और कोई सूचना का अधिकार लगा दे तो उसके लिए महाविद्यालय में फतवा तक जारी कर दिया जाता है। सामान खरीदी क्रय समिति विज्ञापन जारी करना खरीदी के बाद सामानों का महाविद्यालय में होना। यह सब सरकारी प्रक्रिया है और अगर इस प्रक्रिया में कमी है तो इसके जवाबदार व्यक्तियों को सजा मिलनी चाहिए। यदि शिकायतों पर जांच होती है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

अगर आप सही तो सूचना के अधिकार में जानकारी देने से काहे का डर – एनएसयूआई के प्रदेश सचिव एवं पार्षद शुभम बाजपेई ने स्पष्ट रूप से कहा कि छात्रों को अपने मांग के लिए बार-बार आंदोलन करना पड़ रहा है, छोटे-मोटे काम भी कॉलेज में नहीं होते जन भागीदारी के सदस्यों को कालेज के किसी भी गतिविधियों से अवगत नहीं कराया जा रहा है। एनएसयूआई के द्वारा सूचना का अधिकार लगाया गया है और अगर महाविद्यालय प्रशासन सही है, तो नियमत: जानकारी प्रदान करें सही को किस बात का डर? सूचना के अधिकार में बार-बार टालमटोल करने और जवाब ना देने नियम कायदा कानून बताना कही ना कहीं महाविद्यालय प्राचार्य के कृत्यों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है?

छात्रों के साथ पूर्व छात्र नेताओं ने भी स्थानांतरण की रखी मांग – जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री माननीय उमेश नंद कुमार पटेल एवं क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक श्रीमती उत्तरी गणपत जांगड़े से महाविद्यालय प्राचार्य के अड़ियल रवैया और कारनामो को लेकर छात्रों ने तत्काल स्थानांतरण की मांग रखी है।

अनियमितता है तो जांच भी होनी चाहिए – नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने छात्रों छात्र संगठन और जनभागीदारी की मांग को देखते हुए स्पष्ट किया है यदि पूर्व में चाहे वह सामग्री खरीदी का विषय हो या महाविद्यालय के फंड या जनभागीदारी शुल्क या फिर यूजीसी या अन्य मद से प्राप्त राशि से खरीदी का विषय हो अगर उसमें पारदर्शिता और नियमितता नहीं है तो उस पर जांच होनी चाहिए और दोषी व्यक्तियों पर बड़ी से बड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

जनभागीदारी समिति की सदस्य श्रीमती रेखा विक्रांत थवाईत, अश्वनी चंद्रा अधिवक्ता ने स्पष्ट रूप से कहा 6 माह पूर्व जनभागीदारी के बैठक में प्राचार्य द्वारा समानो के क्रय-विक्रय महाविद्यालय के फंड जनभागीदारी समिति से जुड़ी जानकारियां नहीं दी गई तब सारे सदस्यों ने उन्हें 1 सप्ताह के भीतर सारी जानकारियां संबंधित विभागीय अधिकारी के साथ बैठक में शामिल होने की बात कहते हुए बैठक को अधूरे में ही छोड़ दिया गया। 1 सप्ताह बीतने के बाद भी बैठक प्राचार्य ने आहुत नही की ना कोई जानकारी दी। 6 महीने बाद समिति के पदाधिकारियों ने जब उनसे बैठक रखने की बात कही तब भी उन्होंने अध्यक्ष और समिति के सदस्यों के बात को ना मानकर अब तक बैठक आहूत करने की कोई सूचना नहीं निकाली है और ना कोई जानकारी देना चाह रहे हैं। समिति को बार-बार नजरअंदाज करना प्राचार्य महोदय की आदत बन गई है।

गौरतलब हो कि आज जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष एवं समस्त पदाधिकारी भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई के सभी पदाधिकारी पूर्व छात्र एवं महावि के छात्रों ने महावि पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। जनभागीदारी समिति ने समिति के प्रभारी प्रो डीपी तिर्की, उसतराम पटेल को ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल बैठक आहूत करने की बात कही जिसमें सभी जानकारियां उपलब्ध कराने की मांग रखी अन्यथा बड़े आंदोलन करने का आह्वान किया। उक्त ज्ञापन देने में जनभागीदारी के अध्यक्ष संजय दुबे, पवन अग्रवाल नगर कांग्रेस अध्यक्ष, अजय बंजारे नपा अध्यक्ष एवं विधायक प्रतिनिधि, पूर्व-छात्र जनभागी के सदस्य गण गोल्डी नायक पूर्व छात्र वं संपादक, अश्वनी चंद्रा अधिवक्ता, श्रीमती रेखा थवाईत, कमल कांत यादव, शुभम बाजपेई प्रदेश सचिव एनएसयूआई, राकेश जाटवर विधायक प्रतिनिधि,कमलकात चाटू निराला पार्षद, किशोर निराला पार्षद प्रति, नागेश्वर महंत नगर कांग्रेस महामंत्री, रमेश खूंटे अनु जाति प्रकोष्ठ ब्लॉक अध्यक्ष, राजेन्द्र बारे पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष धनेंद्र साहू,अरविंद साहू, मुकेश साहू, रामेश्वर चंद्रा, नवीन यादव, एनएसयूआई के नगर अध्यक्ष योगेश सोनवानी, रामसिंह ठाकुर, शाहजहां खान, इराक टांडे, आरू मनहर, गजानन्द काठे, राजेश चन्द्रा आदि जन शामिल रहे।

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