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छत्तीसगढ़ में प्रभारी तहसीलदार के साथ पुलिस ने की मारपीट, घर वाले बोले- ‘अब बाहर निकलने से भी डर लगता है’

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प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने बताया कि 16 नवंबर की रात 2:10 बजे पिता और भाई के साथ स्टेशन से घर लौट रहे थे। डीएलएस कॉलेज के पास पुलिस ने उनकी बाइक रोकी और गाली-गलौज करते हुए उन्हें थाने ले जाया गया। थाने में उनके इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा के साथ गाली गलौज व अभद्र व्यवहार की घटना हुई।

बिलासपुर। पिता व भाई के साथ 16 नवम्बर की रात घर लौट रहे करपावंडा जिला बस्तर के प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा के साथ डीएलएस कॉलेज के पास बदसलूकी हुई थी। इस घटना के बाद पूरा परिवार डरा सहमा हुआ है।

प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा, उनके इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा व पिता का कहना है साहब रात में निकलने से डर लगता है कि कहीं पुलिस वाले पकड़कर गाली गलौज व मारपीट न करने लगे। पीड़ितों ने मंगलवार को कनिष्ठ प्रसाशनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात कर दोषी पुलिस कर्मियों व थाना प्रभारी पर कार्रवाई की मांग की है।

स्टेशन से घर लौट रहे थे

प्रभारी तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा ने बताया कि 16 नवंबर की रात 2:10 बजे पिता और भाई के साथ स्टेशन से घर लौट रहे थे। डीएलएस कॉलेज के पास पुलिस ने उनकी बाइक रोकी और गाली-गलौज करते हुए उन्हें थाने ले जाया गया। थाने में उनके इंजीनियर भाई पुष्पेंद्र मिश्रा के साथ गाली गलौज व अभद्र व्यवहार की घटना हुई। नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा को थाने लेकर गए।

इस दौरान थाने में थाना प्रभारी तोपसिंह नवरंग व उनके स्टाप में पुष्पराज मिश्रा, पुष्पेंद्र मिश्रा के साथ मारपीट की घटना को भी अंजाम दिया। पीड़ितों का कहना है कि रात में कलेक्टर अवनीश शरण ने भी थाना प्रभारी से बात लेकिन उन्हें यह कर बात को नजर अंदाज कर दिया कि मेरे अधिकारी एसपी हैं, मैं केवल उन्ही को रिपोर्ट करता हूं।

इसके बाद एसपी के फोन आने के बाद ही दोनों भाई को छोड़ा गया और बाद में झूठे मामले में एफआइआर दर्ज किया है। पुष्पराज मिश्रा व पुष्पेंद्र मिश्रा ने कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों के साथ कलेक्टर अवनीश शरण से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है।

एफआईआर में दोनों भाइयों पर पुलिस को धमकाने का आरोप

थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार प्रभारी तहसीलदार व उनके इंजीनियर भाई ने पुलिस को प्रशासनिक अधिकारी होने का धौंस देते हुए धमकाया, पुलिस का कहना था कि जिस दौरान यह घटना हुई दोनों नशे में थे और उन्होंने पुलिसकर्मियों के साध बदसलूकी और मुलाहजा कराने के दौरान भी काफी हंगामा किया था।

फोन पर थाना प्रभारी व प्रभारी तहसीलदार के बीच इस तरह हुआ संवाद

पुष्पराज– हैलो हैलो टीआइ साहब मुझे कैसे बुलाए हैं यहां पर

थाना प्रभारी– आप कौन

पुष्पराज- मै नायब तहसीलदार पुष्पराज मिश्रा

थाना प्रभारी – मैं आप को कैसे बुलाऊंगा

पुष्पराज – अरे आप के ही आदेश पर ही तो मुझे लेकर आए हैं क्या यहां पे

थाना प्रभारी – कहां से

पुष्पराज – डीएलएस कॉलेज के पास से

थाना प्रभारी – आप क्या हैं

पुष्पराज – तहसीलदार

थाना प्रभारी- कहां से

पुष्पराज – तरपोंड

थाना प्रभारी- तरपोंड

थाना प्रभारी- यहां क्या कर रहे हो

पुष्पराज – घर आया था अपने

थाना प्रभारी- घर आए थे

थाना प्रभारी – मेरे गश्त वाले रोके क्या आप को

पुष्पराज – हा रोके थे, तो मैं कुछ दूर आगे जाकर रुका था।

थाना प्रभारी – हूं — तब क्या हो गया

पुष्पराज- कुछ दूर आगे जाकर रुका था तो बोले इधर आओ इधर आओ यार, इधर आ बे बोला ऐसा बात किया था।

थाना प्रभारी – हां

पुष्पराज – आप इधर आओ

थाना प्रभारी- तो इगो हर्ट हो गया

पुष्पराज – हां तो बात तो वही है न

पुष्पराज – जी

थाना प्रभारी – है ना, कार्यपालक मजिस्ट्रेट हो न इसलिए

थाना प्रभारी- है ना, तो इगो हर्ट हो गया होगा।

पुष्पराज- इगो हर्ट वाली क्या बात है इसमें भई

थाना प्रभारी- आ रहा हूं थाने मैं, वही रुक ठीक है।

पुष्पराज – चलिए ठीक है

कार्रवाई नहीं होने पर प्रदर्शन की चेतावनी

कनिष्ठ प्रशानिक सेवा संघ का मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं से न केवल प्रशासनिक सेवाओं की गरिमा प्रभावित होती है। बल्कि इससे अधिकारी अपने कार्यक्षेत्र में असुरक्षित महसूस करते हैं। यहि इस प्रकरण में एक सप्ताह के अंदर जांच कर कार्रवाई नहीं की जाती तो संघ विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन व अन्य आवश्यक कदम उठाने के लिए बाध्य होगा।

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