गांजा तस्करी में जीआरपी के चार आरक्षक दोषी पाए गए, बर्खास्त
इस दौरान मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी योगेश सौंधिया और उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी रोहित द्विवेदी को पकड़ा गया था। उनके कब्जे से पांच पैकेटों में कुल 10 किलो गांजा बरामद हुआ था। पूछताछ के दौरान यह पता चला कि जीआरपी रायपुर इकाई में तैनात आरक्षक सौरभ नागवंशी, मन्नू प्रजापति, संतोष राठौर और लक्ष्मण गाईन की तस्करों के साथ सांठगांठ थी।
बिलासपुर। पिछले महीने बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर पकड़े गए दो गांजा तस्करों के साथ जीआरपी के चार आरक्षकों की संलिप्तता सामने आई है। रेल एसपी जेआर ठाकुर ने जांच में दोषी पाए गए इन आरक्षकों को बुधवार को बर्खास्त कर दिया। इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। रेल एसपी जेआर ठाकुर के अनुसार, जीआरपी बिलासपुर की टीम ने मुखबिर की सूचना पर रेलवे स्टेशन के नागपुर छोर स्थित शौचालय के पास कार्रवाई की थी। इस दौरान मध्यप्रदेश के जबलपुर निवासी योगेश सौंधिया और उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी रोहित द्विवेदी को पकड़ा गया था। उनके कब्जे से पांच पैकेटों में कुल 10 किलो गांजा बरामद हुआ था। पूछताछ के दौरान यह पता चला कि जीआरपी रायपुर इकाई में तैनात आरक्षक सौरभ नागवंशी, मन्नू प्रजापति, संतोष राठौर और लक्ष्मण गाईन की तस्करों के साथ सांठगांठ थी। चारों आरक्षकों को 29 अक्टूबर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया था।
ऐसे हुई संलिप्तता की पुष्टि
इस मामले की जांच रेल उप पुलिस अधीक्षक एसएन अख्तर ने की। जांच में सामने आया कि गिरफ्तार तस्करों के जरिए आरक्षकों ने ट्रेन से जप्त किए गए गांजे को बेचकर नगद और आनलाइन माध्यम से पैसे अपने खातों में जमा करवाए। अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आरक्षकों ने न केवल अपराधियों से सांठगांठ की, बल्कि स्वयं भी अपराध में शामिल रहे। जांच में दोषी पाए जाने पर इन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।