जर्जर भवन, पेयजल और बिजली की कमी से जूझ रहे आंगनबाड़ी केंद्र
बीजापुर । जिले के धनोरा ग्राम पंचायत के आश्रित गांव रेंगानार में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन जर्जर हो चुके हैं, और यहां बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का भी अभाव है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों का रखरखाव न होने से बच्चों की सुरक्षा को खतरा बना हुआ है, जबकि जिम्मेदार अधिकारियों का इस ओर ध्यान नहीं है।
भवनों की स्थिति खतरनाक, बच्चों की जान जोखिम में
धनोरा पंचायत के रेंगानार में संचालित अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है। इन भवनों की छतों का प्लास्टर उखड़ रहा है, और बरसात के दिनों में पानी टपकता है। 2016-2017 में इन भवनों का जीर्णोद्धार किया गया था, लेकिन स्थिति दोबारा गंभीर हो गई है। जर्जर हालात के चलते बच्चों और स्टाफ की जान को खतरा है।
पेयजल और बिजली की समस्या
रेंगानार के आंगनबाड़ी केंद्रों में न तो पानी की समुचित व्यवस्था है और न ही बिजली का कनेक्शन। कुछ जगहों पर हैंडपंप लगाए गए थे, लेकिन अब वे भी खराब हो चुके हैं। गर्मी के मौसम में बिना बिजली के बच्चों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
शौचालय और अन्य सुविधाओं की स्थिति
करीब दो दशक पहले बनाए गए इन केंद्रों में शौचालय का निर्माण तो किया गया है, लेकिन वे भी अब जर्जर हो चुके हैं और मरम्मत की आवश्यकता है। शौचालयों की बदहाली से बच्चों और केंद्र के कर्मचारियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने पंचायत स्तर पर भवनों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भी दिए हैं, लेकिन इस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
प्रशासन की अनदेखी से बढ़ती समस्याएं
स्थानीय लोगों ने पेयजल और बिजली जैसी सुविधाओं के लिए प्रयास भी किए हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इस ओर अब तक कोई ध्यान नहीं दिया है। धनोरा ग्राम पंचायत में बच्चों के शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए बनाए गए ये आंगनबाड़ी केंद्र उचित रखरखाव और सुविधाओं की कमी के कारण उपेक्षित पड़े हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों की बदहाल स्थिति पर प्रशासन कब देगा ध्यान?
ग्रामीणों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन इन केंद्रों की मरम्मत और बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति के लिए जल्द कार्रवाई करेगा, ताकि बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ माहौल में शिक्षा मिल सके।