छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: CG JE भर्ती में BE डिग्रीधारकों को अब नहीं किया जा सकेगा बाहर, भेदभावपूर्ण नियम को बताया असंवैधानिक

रायपुर, 5 जुलाई — छत्तीसगढ़ में जूनियर इंजीनियर (JE) पदों पर नियुक्ति को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला आया है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा बनाए गए उस नियम को निरस्त कर दिया है, जिसमें केवल डिप्लोमा धारकों को पात्र माना गया था और BE डिग्रीधारकों को अयोग्य ठहराया गया था। कोर्ट ने इसे असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण करार दिया।

मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. गुरु की द्वैतीय पीठ ने याचिकाकर्ता धगेन्द्र कुमार साहू की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्णय सुनाया। याचिका अधिवक्ता प्रतिभा साहू के माध्यम से दायर की गई थी।

🧑‍⚖️ कोर्ट की सख्त टिप्पणी:

  • केवल डिप्लोमा धारकों को पात्र मानना गलत है।
  • BE डिग्रीधारक तकनीकी रूप से अधिक योग्य हैं।
  • यह नियम संविधान के अनुच्छेद 14, 16 और 21 का उल्लंघन करता है।

याचिका में कहा गया था कि वर्ष 2016 तक राज्य सरकार BE और Diploma दोनों को उप अभियंता (Sub Engineer) पद के लिए योग्य मानती थी, लेकिन हाल ही में जारी नियम में केवल डिप्लोमा धारकों को ही पात्र माना गया, जो भेदभावपूर्ण है।

📢 अब क्या होगा?

हाईकोर्ट के इस फैसले से छत्तीसगढ़ के हजारों BE डिग्रीधारक युवाओं को बड़ी राहत मिलेगी। अब राज्य में JE भर्ती की प्रक्रिया में उन्हें फिर से समान अधिकार मिलेगा। यह फैसला योग्यता आधारित सरकारी भर्तियों में समान अवसर को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

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