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छह महीने और बढ़ सकता है DGP अशोक जुनेजा का कार्यकाल, छत्‍तीसगढ़ सरकार ने केंद्र को भेजा प्रस्ताव

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अशोक जुनेजा के बाद वरिष्ठता में सबसे ऊपर पवनदेव हैं। वह 1992 बैच में पहले नंबर पर आते हैं, उनके बाद अरुणदेव गौतम। 1993 बैच में कोई आइपीएस नहीं है। इसके बाद 1994 बैच में हिमांशु गुप्ता सबसे ऊपर हैं। जुनेजा के बाद आइपीएस अरुणदेव और हिमांशु में से किसी को डीजीपी बनाया जा सकता है।

रायपुर। राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक जुनेजा के सेवा कार्यकाल को छह महीने बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। छत्तीसगढ़ के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी जुनेजा चार अगस्त को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस संबंध में गृह विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद केंद्र को भेज दिया है।

वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी के अनुसार, वर्तमान डीजीपी के सेवा विस्तार का प्रस्ताव इसलिए जरूरी था, क्योंकि नियमत: वर्तमान डीजीपी के रिटायर होने से तीन माह पूर्व राज्य सरकार को तीन सीनियर अधिकारियों के नाम का पैनल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेजना होता है, लेकिन राज्य में डीजीपी के अगले चेहरे पर फैसला करने के लिए पैनल अभी तक यूपीएससी को नहीं भेजा गया है।

अरुणदेव और हिमांशु गुप्ता का नाम

अशोक जुनेजा के बाद वरिष्ठता में सबसे ऊपर पवनदेव हैं। वह 1992 बैच में पहले नंबर पर आते हैं, उनके बाद अरुणदेव गौतम। 1993 बैच में कोई आईपीएस नहीं है। इसके बाद 1994 बैच में हिमांशु गुप्ता सबसे ऊपर हैं। जुनेजा के बाद आईपीएस अरुणदेव और हिमांशु में से किसी को डीजीपी बनाया जा सकता है। अरुणदेव के नाम की चर्चा अधिक है।

ऐसे होता है डीजीपी का चयन

राज्यों के डीजीपी चयन की एक निर्धारित प्रक्रिया है। इसमें राज्य के साथ ही यूपीएससी और केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी भूमिका रहती है। राज्य सरकार यूपीएससी को डीजीपी नियुक्ति के लिए नामों का पैनल भेजती है। इसके बाद फिर यूपीएससी में मीटिंग होती है। इसमें यूपीएससी चेयरमैन खासतौर से मौजूद रहते हैं।

किसी विषम परिस्थितियों से वे नहीं आ पाए तो उनके बदले में कोई सदस्य होता है। भारत सरकार के मिनिस्ट्री आफ होम का कोई नामिनी, मसलन ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल का कोई अफसर होता है और संबंधित राज्य के चीफ सेक्रेटरी और वर्तमान डीजीपी, ये चारों मिलकर गुण-दोष के आधार पर पैनल तैयार करते हैं।

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