
रायपुर । बर्खास्त सहायक शिक्षकों ने एक बार फिर माना के तूता धरना स्थल पर अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस धरने में महिला सहायक शिक्षकों के साथ उनके बच्चे और परिवार के सदस्य भी शामिल हैं। शिक्षकों ने समायोजन की मांग करते हुए सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो यह प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। प्रदर्शनकारियों ने यह भी ऐलान किया है कि होली का त्यौहार भी वे इसी धरना स्थल पर मनाएंगे।
इससे पहले, 8 मार्च शनिवार को महिला दिवस पर महिला सहायक शिक्षकों ने भिलाई में रैली निकालकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की थी।
बर्खास्तगी का कारण और कोर्ट का फैसला
बिलासपुर हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर को अपने फैसले में कहा था कि सहायक शिक्षकों के पद पर केवल डीएड डिग्रीधारी ही पात्र होंगे। इसके चलते बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। इस फैसले के कारण कुल 2,897 शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया गया था। नौकरी जाने के विरोध में सहायक शिक्षक लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से समायोजन की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने एक कमेटी का गठन किया था, लेकिन अब तक कमेटी का इस विषय में कोई निर्णय नहीं आया है।
लगातार जारी है विरोध प्रदर्शन
दिसंबर से जारी इस आंदोलन के तहत शिक्षकों ने जल सत्याग्रह, सामूहिक उपवास, सामूहिक मुंडन, यज्ञ-हवन और दंडवत प्रदर्शन जैसे कई तरीकों से अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की है। 7 मार्च को शिक्षकों ने विधानसभा रोड पर वीआईपी मूवमेंट और मंत्रियों के काफिले के सामने पोस्टर और तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
सहायक शिक्षकों की प्रमुख मांगें
सेवा सुरक्षा एवं समायोजन – बर्खास्त किए गए सभी सहायक शिक्षकों की सेवा पुनः बहाल की जाए।
स्थायी समाधान – सरकार शीघ्र ही शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ठोस नीति बनाए।
संवैधानिक अधिकारों की रक्षा – शिक्षकों को रोजगार से वंचित करना अन्यायपूर्ण है, इसे तत्काल सुधारा जाए।
सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है, जिससे प्रदर्शनकारियों में नाराजगी बनी हुई है। आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज होने की संभावना है।