“पार्षद चुनाव में खर्च की सीमा 8 लाख तय: इलेक्शन कमीशन का निर्देश, डेवलपमेंट के लिए 88 करोड़ की राशि जारी”
नगरीय निकाय चुनाव: पार्षदों के खर्च की सीमा 8 लाख, विकास कार्यों के लिए 88 करोड़ जारी
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनावों की तैयारियां तेज हो गई हैं। चुनाव आयोग ने पार्षद प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च की सीमा तय कर दी है। ऐसे नगर निगम, जहां 3 लाख या उससे अधिक की जनसंख्या है, वहां पार्षद प्रत्याशी 8 लाख रुपये तक खर्च कर सकेंगे। यह अधिसूचना छत्तीसगढ़ राजपत्र में प्रकाशित कर दी गई है।
आचार संहिता जल्द लागू होने की संभावना
विधानसभा सत्र के बाद नगरीय निकाय चुनावों के लिए आचार संहिता लागू हो सकती है। उससे पहले वोटर लिस्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा और वार्डवार जनसंख्या के अनुसार आरक्षण की सूची जारी होगी।
चुनाव से पहले विकास कार्यों के लिए निधि जारी
चुनाव से पहले सरकार ने पार्षदों के लिए विकास कार्यों की निधि के रूप में 88 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसमें 14 नगर निगमों के पार्षदों के लिए 21.96 करोड़ रुपये और 166 नगरीय निकायों के पार्षदों के लिए 66.06 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। प्रत्येक पार्षद को 6-6 लाख रुपये दिए गए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने यह राशि जारी की है।
OBC आरक्षण बढ़ा, राजपत्र में शामिल
राज्य सरकार ने नगरीय निकायों में OBC आरक्षण को 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला लिया है। यह निर्णय कैबिनेट बैठक में हुआ और राज्यपाल की सहमति के बाद इसे राजपत्र में शामिल किया गया। हालांकि, जिन क्षेत्रों में पहले से ST-SC आरक्षण 50 प्रतिशत या उससे अधिक है, वहां OBC आरक्षण 50 प्रतिशत नहीं होगा।
डायरेक्ट होगा मेयर और अध्यक्ष का चुनाव
इस बार नगरीय निकाय चुनावों में मेयर और अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होगा। यानी जनता सीधे वोट देकर मेयर और अध्यक्ष चुनेगी। इससे पहले यह अधिकार पार्षदों को दिया गया था, लेकिन साय कैबिनेट ने इसे बदल दिया है।
13 नगर निगमों में कांग्रेस का दबदबा
छत्तीसगढ़ की 14 नगर निगमों में से 13 में फिलहाल कांग्रेस के महापौर हैं। 2019 में जगदलपुर से कांग्रेस की महापौर सफिरा साहू ने जीत दर्ज की थी, लेकिन अब वह भाजपा में शामिल हो चुकी हैं।
नगरीय निकाय चुनावों में इन नए नियमों और निर्णयों से प्रदेश में राजनीति और दिलचस्प हो जाएगी।