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कार्यकर्ताओं की बात उठाने पर महामंत्री ने दी गाली: पूर्व महापौर को एक पक्षीय नोटिस पर सवाल, पूर्व महापौर ने बंद लिफाफे में शहर अध्यक्ष दिया जवाब

प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की मौजूदगी में हुआ था विवाद।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री व जिला संगठन प्रभारी सुबोध हरितवाल और पूर्व महापौर राजेश पांडेय के बीच हुए विवाद पर एकपक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लग रहा है। इधर, पूर्व महापौर राजेश पांडेय का कहना है कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष से पार्टी फोरम के बी

दरअसल, बीते बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज बिलासपुर प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं की बैठक ली। बैठक के बाद जैसे ही वे कांग्रेस भवन के हाल से बाहर निकलने पूर्व महापौर राजेश पांडेय ने प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि बैठक में सीनियर नेताओं व कार्यकर्ताओं की भी बात सुननी चाहिए, ताकि कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता अपनी समस्याएं रख सके।

इस दौरान पीसीसी महामंत्री हरितवाल ने उन्हें दीपक बैज से अलग किया। तब राजेश पांडेय और सुबोध हरितवाल के बीच चर्चा होने लगी। आरोप है कि हरितवाल ने तल्खी दिखाते हुए कहा कि संगठन कैसे चलेगा और किस अंदाज में चलेगा इसके लिए किसी से सीखने और समझने की जरुरत नहीं है। इसी दौरान उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग किया, जिसे सुनकर सीनियर नेताओं ने आपत्ति जताई। उनकी बातों को सुनकर पूर्व महापौर राजेश पांडेय भी भड़क गए और दोनों के बीच जमकर गाली-गलौज शुरू हो गई।

वीडियो वायरल होने के बाद पूर्व महापौर को नोटिस कांग्रेस भवन में दो प्रमुख नेताओं के बीच हुए विवाद और गाली-गलौज करने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने लगा। मीडिया में आई खबरों के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने अनुशासनहीनता मानकर पूर्व महापौर राजेश पांडेय को नोटिस थमा दिया। जिसमें उन्हें 24 घंटे के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया।

पहले बताया सामान्य बातचीत फिर थमाा दिया नोटिस कांग्रेस भवन में हुए विवाद के बाद शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय पांडेय ने इसे सामान्य बातचीत बताया। साथ ही कहा कि कांग्रेस भवन में कोई विवाद और गाली-गलौज नहीं हुआ है। लेकिन, बाद में उन्होंने पूर्व महापौर को नोटिस जारी कर दिया।

एक पक्षीय नोटिस पर उठे सवाल इस विवाद के बाद कांग्रेस कमेटी की तरफ से जारी नोटिस पर भी सवाल उठने लगा है। कांग्रेस के सीनियर नेताओं का कहना है कि प्रदेश पदाधिकारी ने जिस लहजे में सीनियर नेता से बात की है वो किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। जिसके कारण उन्होंने कांग्रेस भवन में ही आपत्ति जताई थी। लेकिन, अब इस मामले में एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए पूर्व महापौर को नोटिस जारी किया गया है, जिसे लेकर विरोध के स्वर उठ रहे हैं। इसे लेकर शहर के कांग्रेसजन बैठक कर रणनीति बनाने और एकजुट होकर विरोध करने की तैयारी में है।

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