कर्मचारियों के लिए खुशखबरी EPS के नियमों में हुए बदलाव से पेंशन योजना का मिलेगा लाभ, बस रखना होगा इन बातों का ध्यान
संशोधन से 7 लाख से अधिक ईपीएस सदस्यों को लाभ मिलने की उम्मीद है!
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 में संशोधन किया है, जिसके तहत छह महीने से कम सेवा वाले कर्मचारियों को निकासी लाभ दिया जाएगा। शुक्रवार को जारी सरकारी बयान के अनुसार, संशोधन से 7 लाख से अधिक ईपीएस सदस्यों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो छह महीने से कम अंशदायी सेवा के बाद योजना छोड़ देते हैं। केंद्र ने टेबल डी में भी संशोधन किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर महीने की सेवा को ध्यान में रखा जाए और सेवा के अनुपात में निकासी लाभ दिया जाए।
टेबल डी में उन सदस्यों को शामिल किया गया है, जिन्होंने योजना की पात्रता के लिए आवश्यक सेवा नहीं दी है या वे सदस्य 58 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं। निकाली जा सकने वाली राशि अब इस बात पर निर्भर करेगी कि सदस्य ने कितने महीने सेवा पूरी की है और ईपीएस अंशदान किस वेतन पर प्राप्त हुआ है।
इससे पहले, निकासी लाभ की गणना पूर्ण वर्षों में अंशदायी सेवा की अवधि और उस वेतन के आधार पर की जाती थी जिस पर ईपीएस अंशदान का भुगतान किया गया था। इसमें अनिवार्य छह महीने की अंशदायी सेवा शामिल थी। इसलिए, छह महीने और उससे अधिक की अंशदायी सेवा पूरी करने के बाद सदस्यों को लाभ दिया जाता था। जो सदस्य छह महीने से पहले योजना छोड़ देते थे, वे लाभ के हकदार नहीं थे।
कौन नहीं थे लाभ के हकदार
सदस्य छह महीने या उससे अधिक की अंशदायी सेवा पूरी करने के बाद निकासी लाभ के हकदार थे। जो सदस्य छह महीने से पहले योजना छोड़ देते थे, वे लाभ के हकदार नहीं थे। यही कारण था कि अनिवार्य सेवा प्रदान करने से पहले बाहर निकलने वाले सदस्यों के कई दावे खारिज कर दिए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, निकासी लाभ के लगभग 7 लाख दावों को छह महीने से कम अंशदायी सेवा के कारण अस्वीकार कर दिया गया था।
1995 में शुरू की गई थी योजना
कर्मचारी पेंशन योजना संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 1995 में शुरू की गई थी। कर्मचारी भविष्य निधि योजना के लिए पात्र कर्मचारी पेंशन योजना के लिए भी पात्र हैं। नियोक्ता और कर्मचारी दोनों इस निधि में योगदान करते हैं, जिसे श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा प्रशासित किया जाता है।