मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय में हर्षोल्लास के साथ गुरु पूर्णिमा मनाया गया
सारंगढ़ : मां वैष्णवी संगीत महाविद्यालय रानी सागर सारंगढ़ के समस्त छात्र-छात्राओं द्वारा दिनांक 21 जुलाई 2024 दिन रविवार को हर्षोल्लास के साथ गुरु पूर्णिमा मनाया गया । छात्राओं द्वारा मिष्ठान एवं केक से मां सरस्वती एवं गुरु जी का स्वागत पुष्प हार से किये, छात्राओं में देविका भगत ,अदिति सुल्तानिया, पूर्वी भगत ,अलीशु सिदर, पावनी तिवारी, चेष्टा मैत्री,आरना केसरवानी, अपेक्षा केसरवानी, अनुषा केसरवानी, एम्मा श्रुति कुजूर , एलेन श्रुति कुजूर, नंदिनी सीदर,गौरंगी पटवा, कृति के सर्वानी ,दीक्षा लहरें ,आदि ने सर्वप्रथम गुरु वंदना तत्पश्चात थॉट अहमद थोड़े एवं कठिन लयकरियों की नृत्य प्रस्तुत किये। तथा कवित में जमुना के तट, माखन चोरी,चक्र चांदनी, आदि कथा नृत्य के गुण रहस्य को अपने गुरु रुद्र प्रीति वैष्णव से विधिवत शिक्षा प्राप्त कर आत्मसात कर रहे हैं।उन्होंने कहा है –
करत करत अभ्यास के,जड़मति होत सुजान।। रसरी आवत जात ते, शील पर परत निशान।।
का उदाहरण देते हुए ,सभी शिष्यों को निरंतर अभ्यास करने का सुझाव देते हुए, रुद्र एवं प्रीति वैष्णव ने अपने कथक एवं तबले के शिष्यों को शुभ आशीष का संदेश दिए।
शास्त्री गायन एवं सुगम संगीत के शिष्यों में अवधेश तिवारी,गुरुप्रित सिंह (हानि),उत्तम बारेठ,शुकलाल बंजारे,संतोष सारथी,कुंज बिहारी गहरे,जसपाल रत्नाकर,आदि ने गुरु वंदना राग चंद्रकोन्श, से प्रारंभ कर अनेक रगों जैसे –
मियामलहर,दरबारी,केदार,तिलंग,पूर्वी,सोहनी,हिंडोल,आदि अनेक रगों से सुंदर प्रस्तुति दिए।एवम तबला संगत में लंबोदर वैष्णव,संतोष कोडाकु, एवम रामेश्वर बारेठ जी रहे।
तबला के शिष्य में मनोज मैत्री,दीपक वर्मन,सुनील यादव,आमरदीप कुर्रे,साहिल वैष्णव ,आदि ने सुंदर कायदे पलटे टुकड़ा परन,आदि को प्रस्तुत किए।एवम अपने गुरु,तथा विद्यादयनी माता सरस्वती से आशीर्वाद लिए।