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मवेशियों से होने वाले सड़क हादसों पर HC सख्त, चार सप्ताह में सरकार से मांगी रिपोर्ट; अब तक 55 की गई जान

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छत्तीसगढ़ में सड़कों पर मवेशी नहीं हटने और हादसों में कई मवेशियों की मौत के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने सीएम को जांच कर चार सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। जनवरी से अब तक 73 हादसे हुए हैं, इसमें 55 लोगों की मौत हो गई।

सड़कों पर मवेशी नहीं हटने और हादसों में कई मवेशियों की मौत के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने सीएस को जांच कर इसके लिए कौन जिम्मेदार है, चार सप्ताह में बताने को कहा है। याचिकाकर्ता के वकील ने मवेशी मौत के आंकड़े भी इस दौरान कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं। इसमें बताया गया कि जनवरी से अब तक 73 हादसे हुए हैं, इसमें 55 लोगों की मौत हो गई।

इसके साथ ही प्रदेश के राष्ट्रीय राजमागों पर 52 ऐसे स्थान हैं, जहां पर मवेशियों के कारण सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। सुनवाई में प्रदेश के नगर पालिका, निगम आयुक्तों और ग्राम पंचायतों को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि सड़कों और राजमार्गों में आने वाले पशुओं को रोकें और संभावित दुर्घटना रोकने सख्त कदम उठाया जाए। याचिका में कहा गया है कि आवारा मवेशियों के कारण आए दिन हो रही दुर्घटनाओं से बड़ी संख्या में मौतें भी हो रही हैं।
सुनवाई के दौरान बताया गया कि हाल ही में 7 जुलाई, 2024 को तिल्दा ब्लॉक के किरना क्षेत्र में अज्ञात वाहन की चपेट में आने से 15 गायों की मौत हो गई और 3 घायल हो गईं। साथ ही ग्रामीण घायल हो गए थे। मामले में याचिकाकर्ता के एक वकील ने प्रकाशित समाचार क्लीपिंग को हाईकोर्ट में पेश किया था। यह भी कहा गया कि सड़कों पर घूमने वाले जानवरों के साथ-साथ मनुष्यों की मृत्यु को रोकने के लिए हितधारकों द्वारा जो कदम उठाए गए हैं, उन्हें अधिक प्रभावी नहीं पाया गया। उसी के मद्देनजर हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को पूरे राज्य के जिलों में सभी हितधारकों को आवश्यक और प्रभावी आदेश जारी करने का निर्देश दिए हैं। 

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