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जुलाई से देशभर में लागू होंगे नए आपराधिक कानून, इन धाराओं में होगा बदलाव, बेहतर ढंग से पालन करने किया सेमीनार का आयोजन

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पेंड्रा। एक जुलाई से देश भर में लागू होन वाले नए कानून भारतीय न्याय संहिता को लेकर अब पुलिस ने लोगों के बीच जाकर इसके प्रावधानों को समझाने की पहल शुरू की है। छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में इस कानून को समझाने के लिए पहला सेमीनार प्रेस क्लब में किया गया, जिसमें जिले के पत्रकारों के साथ ही जनप्रतिनिधि भी काफी संख्या में मौजूद रहे।

इस अवसर पर जिले की एसपी भावना गुप्ता सहित विभिन्न कानून विशेषज्ञों के द्वारा नए कानून में वर्णित प्रावधानों को विस्तार से बतलाते हुए नए कानून में इलेक्ट्रॉनिकक साक्ष्यों के महत्व और उपयोगिता को बतलाया। साथ ही इस नए कानून को पीड़ितों को न्याय दिलाने वाला बतलाते हुए इसके विभिन्न धाराओं और अपराध के संबंध में विवेचना इत्यादि को भी बतलाया गया।

आगमी दिनों तक होंगे सेमिनार
इसके साथ ही यह भी बतलाया गया कि एक जुलाई से नये कानून के लागू होने के बाद पुराने आईपीसी कानून की धाराओं का कब और कैसे उपयोग होगा। वहीं यह भी जानकारी दी गई कि अब किसी भी अपराध के मामले में घटनास्थल कहीं भी हो शून्य के तहत और ई-एफआईआर भी दर्ज कराई जा सकेगी।

वहीं एसपी भावना गुप्ता ने इस अवसर पर पत्रकारों और जनप्रतिनिधियों के सवालों का जवाब देते हुए जिले में अन्य संस्थानों में नए कानून को लेकर आगामी दस दिनों तक इस प्रकार का जागरूकता शिविर और सेमीनार के आयोजन करते हुए नए कानून के बारे में जागरूकता लाने का काम करने की बात कही है।

बता दें कि हत्या की कोशिश के लिए 307 की जगह 109, दुष्कर्म के लिए 376 की जगह 63 होगी। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट के अंदर तीन साल के भीतर फेसला भी सुनना पड़ेगा।

पहले IPC कानून md 511 धाराएं शामिल थी। नए कानून में इनकी संख्या घटकर 358 रह गई है। इनमें 21 नई धाराओं को भी जोड़ा गया है। इसी प्रकार CRPC कानून में 484 धाराएं थी, जो बड़कर 531 हो जाएगी। इसमें 177 नई धाराएं जोड़ी गई है। गिरफ्तारी, जांच और मुकदमा चलना CRPC मे ही होगा।

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