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हजयात्रियों ने काबे की परिक्रमा के बाद हज पूरी की

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मीना हज यात्रियों ने मंगलवार को तीसरे दिन भीषण गर्मी के बीच शैतान को प्रतीकात्मक रूप से पत्थर मारने और मक्का शहर में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल काबा के चारों ओर तवाफ (अंतिम परिक्रमा) के साथ हज का समापन किया।

मक्का के बाहर रेगिस्तानी क्षेत्र मीना में तीन दिन तक पत्थर मारने का अरकान (संस्कार, रस्म) हज के अंतिम अरकानों में से एक है, जो बुराई और पाप को दूर भगाने का प्रतीक है। शनिवार को हज यात्रियों के माउंट अराफात नाम के पवित्र पहाड़ पर एकत्र होने के एक दिन बाद ये अरकान शुरू हुए।

वार्षिक हज के अंतिम दिन को दुनिया भर के मुस्लिमों ने ईद-उल -अजहा त्योहार के रूप में मनाया। जायरीनों ने पैगंबर इब्राहिम की विश्वास की परीक्षा को याद किया और मवेशियों और पशुओं को जिबा (काटा) तथा मांस को गरीबों में बांट दिया।

हज इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है।

क्षेत्र में मंगलवार को तपती धूप और भीषण गर्मी जारी रही। सऊदी अरब के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार मक्का और आस-पास के क्षेत्र में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के आसार हैं।

गर्मी के कारण कुछ बुजुर्ग समेत कई हज यात्री बेहोश हो गए और उन्हें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी। दर्जनों लोगों को लू लगने से उनकी मौत की भी खबर है।

जॉर्डन और ट्यूनीशिया के अधिकारियों के अनुसार, मरने वाले हजयात्रियों में कम से कम 41 जॉर्डन के और 35 ट्यूनीशिया के लोग शामिल हैं। मिस्र के स्थानीय मीडिया ने भी मिस्र के हजयात्रियों में दर्जनों मौतों की सूचना दी है। सऊदी अधिकारियों ने अभी तक इस साल के हज के दौरान मरने वालों की संख्या नहीं बताई है।

कई हज यात्री अरकान करते समय कहा गएं पता नहीं चला, बाद में उनके रिश्तेदारों ने उनकी तलाश के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। कई लोग गर्मी से बेहोश हो गए थे।

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