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पूजा खेडकर को हाईकोर्ट से मिली राहत, परीक्षा गड़बड़ी मामले में यूपीएससी-दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी

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पूजा खेडकर ने आरक्षण का लाभ पाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अपने आवेदन में कथित तौर पर गलत जानकारी दी थी। 31 जुलाई को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी। साथ ही, उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से रोक दिया है।

धोखाधड़ी से दिव्यांग कोटा का लाभ हासिल करने की आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर को दिल्ली हाईकोर्ट से राहत मिल गई है। खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस और यूपीएसी को नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। अब पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत पर 21 अगस्त को सुनवाई होगी। तब तक हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।

अग्रिम जमानत के लिए खेडकर की याचिका पर न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई की। वहीं, खेडकर की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा, जबकि यूपीएससी की तरफ से नरेश कौशिक उपस्थित हुए। उनकी चालाकी भरी प्रकृति को दिखाता है: कौशिक

अदालत फिलहाल इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि हिरासत में पूछताछ जरूरी है या नहीं। वहीं, कौशिक ने तर्क दिया कि खेडकर का आईएएस में प्रवेश करना उनकी चालाकी भरी प्रकृति को उजागर करता है, इसलिए उनसे हिरासत में पूछताछ उचित है। यह देखते हुए कि तत्काल गिरफ्तार किया जाना जरूरी नहीं है, अदालत ने जांच एजेंसी को निर्देश दिया है कि जब तक मामला विचाराधीन है, उन्हें गिरफ्तार न किया जाए।

क्या है मामला
बता दें, खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने आरक्षण लाभ प्राप्त करने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अपने आवेदन में कथित तौर पर जानकारी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है। 31 जुलाई को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी। साथ ही, उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से रोक दिया है।

पटियाला हाउस कोर्ट से लग चुका है झटका
इससे पहले एक अगस्त को पटियाला हाउस कोर्ट ने से पूजा खेड़कर को झटका लगा था। कोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया था। बता दें कि उनके खिलाफ यूपीएससी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी। उनका चयन रद्द करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से भी रोक दिया गया है।‘क्या यूपीएससी के अंदर से किसी ने खेडकर की मदद की’
निचली अदालत में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार जंगाला ने कहा था कि दिल्ली पुलिस को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि क्या यूपीएससी के अंदर से किसी ने खेडकर की मदद की थी। न्यायाधीश ने मामले में जांच का दायरा बढ़ाते हुए दिल्ली पुलिस को यह जांच करने का निर्देश भी दिया था कि क्या अन्य किसी ने भी बिना पात्रता के ओबीसी और दिव्यांग कोटे के तहत लाभ उठाया है।

पूजा से पूछताछ जरूरी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) देवेन्द्र कुमार जंगाला ने खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इनकार करते हुए अपने 19 पृष्ठों के फैसले में कहा था कि आरोपी पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ आरोप गंभीर और संगीन हैं जिनकी गहन जांच की आवश्यकता है। संपूर्ण षडयंत्र का पता लगाने और षडयंत्र में शामिल अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता स्थापित करने के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।

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