रायपुर AIIMS रैगिंग कांड…स्टूडेंट्स के डरभरे व्हाट्सएप-चैट भास्कर को मिले: लिखा-सीनियर की चेतावनी, वरना नतीजे भुगतोगे, राष्ट्रीय महिला आयोग पहुंची शिकायत, गुमराह करने का आरोप
इस मामले की शुरुआत राष्ट्रीय स्तर के NGO SAVE के पास एक अज्ञात ईमेल के आने से हुई। जिसमें बताया गया कि, 15-16 नवंबर 2024 की रात रायपुर AIIMS में सामूहिक रैगिंग की गई है।
छत्तीसगढ़ के रायपुर AIIMS रैगिंग कांड में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। MBBS-2023 स्टूडेंट के तथाकथित व्हाट्सएप ग्रुप के चैट दैनिक भास्कर को मिले हैं जिसमें वे रैगिंग के कुछ घंटे पहले सीनियर के इकट्ठे होने के आदेश पर आपस में चर्चा कर रहे है।
एजुकेशन सिस्टम में रैगिंग जैसी चीजों का विरोध करने वाले SAVE NGO के पास ये अज्ञात मेल से शिकायत और जूनियर स्टूडेंट्स के व्हाट्सएप चैट पहुंचे थे। जिसके बाद NGO ने इस मामले में एक्शन लेने के लिए AIIMS प्रबंधन और रायपुर पुलिस को कहा। लेकिन, अब तक कोई लीगल एक्शन नही हुआ। जिसके बाद मामला अब राष्ट्रीय महिला आयोग दिल्ली के पास पहुंच गया है।
सुप्रीम कोर्ट की वकील मीरा कौर पटेल का आरोप है कि रायपुर AIIMS मैनेजमेंट इस मामले में बिलकुल भी गंभीर नही है।
इस मामले में NGO की लीगल हेड और सुप्रीम कोर्ट की वकील मीरा कौर पटेल का आरोप है कि रायपुर AIIMS मैनेजमेंट इस मामले में बिलकुल भी गंभीर नही है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में क्या AIIMS ने CCTV फुटेज चेक किए? क्या नाइट शिफ्ट के उन गार्ड से बातचीत की गई जिनके सामने वारदात होने की बात की गई है? क्या उन स्टूडेंट्स के बयान लिए गए जिनके नाम ई मेल में घटना के लिए जिम्मेदार के तौर पर लिखे गए हैं? मीरा ने कहा कि इस मामले में प्रबंधन छत्तीसगढ़ पुलिस को भी कोई घटना जांच में नही आई है कहकर गुमराह कर रहा है।
देखिए…रैगिंग के कुछ घंटे पहले जूनियर स्टूडेंट्स के व्हाट्सएप ग्रुप का चैट…
बताया जा रहा है कि ईमेल में स्टूडेंट्स के इन तथाकथित व्हाट्सएप चैट्स को भेजा गया था।
इस तथाकथित चैट्स में साफ दिख रहा है कि सबसे पहले एक स्टूडेंट ने पियन्शु सर लिखकर कहा कि सभी को आधी रात 12 बजे मीटिंग के लिए रूम पर इकट्ठे होना है। इसके बाद आगे अलग-अलग स्टूडेंट्स ने लिखा कि…..सभी अपना डेलीगेट कार्ड(एक प्रकार का इवेंट कार्ड) लेकर आएंगे….. सभी 125 स्टूडेंट उपस्थित होंगे, कोई बहाना नहीं चलेगा…. सभी लोग टाइम पर पहुंच जाना वरना नतीजा भुगतना होगा….।
इस चैट्स में एक जूनियर गर्ल स्टूडेंट ने मामले में डरते हुए कहा कि इकट्ठा होना किसी के लिए भी सेफ नहीं है। इसके बाद एक दूसरे स्टूडेंट ने जवाब में लिखा कि सीनियर ने वार्निंग दी है अगर इकट्ठे नहीं होगे तो आपका डेलीगेट कार्ड ले लिया जाएगा। फिर उसने सभी लड़कियों को सुरक्षा का भरोसा दिया और सुरक्षा को खुद की जिम्मेदारी बताई।
जिस रात यह रैगिंग हुई। उस समय रायपुर एम्स में ओरियाना फेस्ट चल रहा था। कार्यक्रम 14 से लेकर 17 नवंबर तक चला।
ओरीयाना कार्यक्रम की टी-शर्ट में बुलाया
इस चैट में एक स्टूडेंट ने लिखा कि सभी लोग मीटिंग में जल्दी पहुंचो… सभी को ओरियाना कार्यक्रम(AIIMS में आयोजित एक प्रोग्राम) की टीशर्ट/जर्सी में ही बुलाया गया है। 12 बजकर 4 मिनट में एक स्टूडेंट ने फिर लिखा कि सभी को जल्दी पहुंचना है वरना आपका डेलीगेट कार्ड ले लिया जायेगा। इन सभी चैट्स को देखकर यह कहा जा सकता है कि किस तरह से स्टूडेंट को दबाव देकर बुलाया गया था।
वकील मीरा कौर पटेल ने बताया कि आयोग को इस पूरे मामले को विस्तार से बताया गया है।
लड़कियों से भद्दी गाली-गलौज, राष्ट्रीय महिला आयोग पहुंची शिकायत
इस मामले में वकील मीरा कौर पटेल ने बताया कि हमने रैगिंग मामले में 2 हफ्ते बीतने के बाद भी AIIMS प्रबंधन की तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया। जिसके बाद हमने इसकी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग से की है। आयोग को इस पूरे मामले को विस्तार से बताया गया है। साथ ही लड़कियों के साथ हुए हरासमेंट और गाली-गलौज के लिए दोषियों पर सख्त एक्शन लेने की मांग की है। इस मामले में कुछ आरोपी स्टूडेंट्स का नाम भी सौंपा गया है।
छत्तीसगढ़ पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश
एडवोकेट मीरा पटेल ने एक सवाल के जवाब में कि इस मामले में AIIMS प्रबंधन छत्तीसगढ़ पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। एम्स को FIR दर्ज करवाकर पुलिस को स्टूडेंट से पूछताछ करने देना चाहिए। जिससे कि सच सामने आ पाएगा। ऐसे मामलों में कोई भी पीड़ित स्टूडेंट सामने आने से बचता ही है।
इस मामले में आमानाका पुलिस ने कहा कि एम्स मैनेजमेंट ने ऐसे किसी भी घटना से इनकार किया है। पुलिस ने AIIMS में जाकर पूछताछ की है।
अब पूरा मामला….शुरुआत से समझिए…
इस मामले की शुरुआत राष्ट्रीय स्तर के NGO SAVE( सोसाइटी अगेंस्ट वायलेंस इन एजुकेशन) के पास एक अज्ञात ईमेल के आने से हुई। ईमेल के संबंध में एनजीओ की लीगल हेड मीरा कौर पटेल ने बताया कि उनके पास किसी अज्ञात स्टूडेंट का ई-मेल आया। जिसमें बताया गया कि, 15-16 नवंबर 2024 की रात रायपुर AIIMS में सामूहिक रैगिंग की गई है।
गार्ड्स के सामने ठिठुरते ठंड में खड़ा किया
वकील मीरा ने बताया कि, रात करीब 2 बजे सभी स्टूडेंट को बास्केटबॉल ग्राउंड पर लाया गया, कड़ाके की ठंड में उन्हें टी-शर्ट पहनाकर खड़ा किया गया। ये फेस्ट की टी शर्ट थी। इस दौरान सभी के फोन टेबल पर रखवा दिए गए थे। उसके बाद गालियां और धमकियां दी गई। इस दौरान एम्स की महिला और पुरुष सिक्योरिटी गार्ड्स चुपचाप खड़े होकर सब कुछ देखते रहे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया।
एक पीड़ित स्टूडेंट ने मेल भेजकर लिखित में NGO को शिकायत दी थी।
चेहरे के बाल को ट्रिमर से हटाने की धमकी
बताया जा रहा है कि, ट्रिमर से जूनियर स्टूडेंट को चेहरे के बाल हटाने की धमकी दी है। उन्हें शेविंग कराने के लिए कहा गया। रात करीब 3:30 तक यह सब चलता रहा। उसके बाद उन्हें वापस जाने के अनुमति दी गई। ई-मेल के मुताबिक, पीड़ित स्टूडेंट्स ने बताया कि, इस घटना के बाद कई लोग बुरी तरह मानसिक रूप से प्रताड़ित हैं। इस ई-मेल में कुछ स्टूडेंट्स को जिम्मेदार भी ठहराया गया है।
24 घंटे के भीतर करनी होती है FIR
मीरा ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में रैगिंग एक संज्ञेय अपराध है। जिसमें वारंट के बिना पुलिस गिरफ्तारी कर सकती हैं। इसके अलावा इस मामले में एम्स प्रबंधन को 24 घंटे के भीतर FIR करानी चाहिए थी। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। हमें जानकारी है कि एम्स रायपुर प्रबंधन ने ऐसा नहीं किया है। जो यूजीसी के नियमों के खिलाफ है।
मीरा ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर AIIMS प्रबंधन नियम मुताबिक, ऐसा नहीं करते तो एम्स के डायरेक्टर के खिलाफ भी बीएनएस की 211 और 239 के अंतर्गत शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।
स्टूडेंट्स ने किसी भी घटना से किया इनकार- एम्स
रैगिंग मामले में एम्स के असिस्टेंट PRO डॉ लक्ष्मीकांत चौधरी ने कहा था कि MBBS 2023 के स्टूडेंट की तरफ से शिकायत की खबरें चल रही हैं। लेकिन जब स्टूडेंट से पूछताछ की गई तो उन्होंने ऐसी कोई भी शिकायत या घटना से इनकार किया है। फिलहाल प्रबंधन की तरफ से इस मामले में जांच जारी है। इस मामले में आमानाका थाना प्रभारी ने कहा कि एम्स मैनेजमेंट ने ऐसे किसी भी घटना से इनकार किया है। पुलिस ने AIIMS में जाकर पूछताछ की है।
14 से 17 नवंबर तक चला ओरियाना फेस्ट
बता दें कि, जिस रात यह रैगिंग हुई। उस समय रायपुर एम्स में ओरियाना फेस्ट चल रहा था। कार्यक्रम 14 से लेकर 17 नवंबर तक चला। इस दौरान डीजे, लाइव कॉन्सर्ट समेत कई अलग-अलग तरह के प्रोग्राम हुए। इन कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान AIIMS के भीतर बाहर के कई स्टूडेंट भी पार्टिसिपेट करने पहुंचे थे।