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बिछड़े हाथी को साथियों से नहीं मिला सका राजू

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अपने समूह से बिछड़े हाथी को उनसे मिलाने के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व से प्रशिक्षित हाथी (कुमकी) को बुलाया गया है। जंगली हाथी के पास उसे अब तक तीन बार भेजा जा चुका है मगर दो बार उससे मुलाकात नहीं हुई। ऐसे में उस हाथी को दल से मिलाने कुमकी हाथी राजू सफल नहीं हो सका है।

बलौदा : अपने समूह से बिछड़े हाथी को उनसे मिलाने के लिए अचानकमार टाइगर रिजर्व से प्रशिक्षित हाथी (कुमकी) को बुलाया गया है। जंगली हाथी के पास उसे अब तक तीन बार भेजा जा चुका है मगर दो बार उससे मुलाकात नहीं हुई। ऐसे में उस हाथी को दल से मिलाने कुमकी हाथी राजू सफल नहीं हो सका है।
सोमवार को कोरबा जिले के कनकी में मेला लगता है इसलिए रविवार को हाथी को तलाशने का प्रयास नहीं किया गया क्योंकि अगर हाथी खिसोरा के पास स्थित जंगल से निकलकर कोरबा की ओर बढ़ गया तो रास्ते में चलने वाले लोगों को नुकसान हो सकता है। इसलिए हाथी की तलाश ज्यादा नहीं की गई। जिस जंगल में हाथी वर्तमान में है वहां आसपास के कुछ ग्रामीण महुआ शराब भी बनाते हैं।

महुआ का शेष भाग वे जंगल में ही फेंक देते हैं शायद उसकी गंध से ही हाथी वहां रमा है, ऐसी भी आशंका जताई जा रही है। दिन में जंगल में हरियाली के कारण ड्रोन से हाथी नहीं दिख पा रहा है। जिला वन मंडलाधिकारी प्रियंका पांडेय का कहना है कि सोमवार को कनकी में मेला लगता है इसलिए हाथी को बाहर निकालने का प्रयास रविवार को नहीं किया गया। कुमकी हाथी अभी भी है और वन विभाग की टीम जंगल के बाहर से निगरानी कर रही है।
थर्मल ड्रोन के माध्यम से रात में हाथी का लोकेशन पता चलेगा। दिन में ड्रोन से हाथी दिखाई नहीं दे रहा है। थर्मल ड्रोन तापमान के आधार पर काम करता है हाथी के शरीर और आसपास के जमीन के तापमान के आधार पर हाथी का लोकेशन का पता लगाया जाता है। ज्ञात हो कि तीन दिन से खिसोरा केपास जिस जंगल में हाथी डेरा जमाया है वहां के किसान खेत नहीं जा रहे हैं। वहीं आसपास के गांवों में मुनादी भी कराई गई है और बिजली भी बंद कर दी जा रही है। खेतों में हाथी के चलने से फसल भी नुकसान हो रहा है।

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