सारंगढ़: जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 9 पर चुनावी सरगर्मी तेज, रामकुमार थुरिया मजबूत दावेदार

सारंगढ़। नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में पहले जिला पंचायत सदस्य के चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। क्षेत्र क्रमांक 9 (अनारक्षित) सीट खुली होने के कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के दिग्गज नेता इस पर अपनी निगाहें गड़ाए हुए हैं। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष पद का आरक्षण सामान्य होने से यह सीट और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
सबसे बड़ा जिला पंचायत क्षेत्र
वनांचल के दो बड़े क्षेत्रों को मिलाकर बनाए गए जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 9 में कुल 31 ग्राम पंचायतें आती हैं, जिनमें खम्हारपाली, दबगांव, घटोरा, सरायपाली, अचानकपाली, कनकबीरा, रामटेक, बैगिनडीह, सालर, बटाउपाली, बोईरडीह, दानसरा, चवरपुर, भंवरपुर, सहसपानी, गंजाईभौना, भड़ीसार, खर्री, छोटे केड़ार और रापागुला प्रमुख हैं। ये सभी गांव गोमर्डा क्षेत्र की सीमा से जुड़े हुए हैं और यहां की समस्याएं लगभग समान हैं।
रामकुमार थुरिया की मजबूत दावेदारी
इन समस्याओं को उठाने और समाधान के लिए रामकुमार थुरिया एक सशक्त दावेदार बनकर उभरे हैं। वे एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हुए भी अपने क्षेत्र के लोगों की आवाज बनने में हमेशा अग्रणी भूमिका निभाते रहे हैं। गांव के महिला, पुरुष और बच्चे तक उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं।
रामकुमार थुरिया ने भाजपा संगठन में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। बूथ कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत कर उन्होंने बूथ पालक, शक्ति केंद्र संयोजक, युवा मोर्चा महामंत्री, मंडल महामंत्री, मंडल संयोजक, जोन प्रभारी जैसे पदों पर कार्य किया। संगठन में उनकी सक्रियता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें मंडल अध्यक्ष (सालर मल्दा बी) नियुक्त कर कार्यकर्ताओं को स्पष्ट संदेश दिया कि भाजपा में मेहनती कार्यकर्ताओं की कदर होती है।
पत्रकारिता में स्वच्छ छवि और जनहित के लिए संघर्ष
राजनीति के अलावा, रामकुमार थुरिया की पहचान एक निर्भीक पत्रकार के रूप में भी है। उन्होंने क्षेत्र की कई समस्याओं को उजागर कर उनके समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे 2016 से ही गोमर्डा अभ्यारण्य क्षेत्र के निवासियों की समस्याओं को उठाते आ रहे हैं।
जनता के मुद्दों के लिए सतत संघर्ष
2016 में ही रामकुमार थुरिया ने अभ्यारण्य के 28 गांवों के लोगों को मुआवजा दिलाने के लिए आंदोलन किया, जिसके परिणामस्वरूप रमन सरकार के कार्यकाल में मुआवजा राशि मिलनी शुरू हुई। हालांकि, सरकार बदलने के बाद यह सहायता बंद हो गई, जिसे पुनः शुरू करने के लिए 30 जनवरी 2023 को चक्काजाम कर सरकार तक क्षेत्रवासियों की मांग पहुंचाई गई। इसके बाद, पुलिस चौकी भवन के लिए 41 लाख रुपये की मंजूरी, कन्या छात्रावास के लिए प्रस्ताव, नरगिखोल-लातनाला में ह्यूम पाइप पुल की स्वीकृति जैसी उपलब्धियां हासिल हुईं।
हालांकि, तेंदूपत्ता बोनस और जमीन की खरीदी-बिक्री पंजीयन की समस्या अभी भी लंबित हैं, जिसे लेकर कुछ लोग नाराज भी हैं। इस पर रामकुमार थुरिया का कहना है कि “यह नाराजगी नहीं, बल्कि मुझ पर जनता का भरोसा है। मैं स्वयं एक आम नागरिक हूं, लेकिन जब तक हमारा क्षेत्र मजबूत जनप्रतिनिधि नहीं चुनता, तब तक वनांचल का विकास और सुविधाएं संभव नहीं हैं। मैं हमेशा जनता के साथ खड़ा रहा हूं और आगे भी उनकी लड़ाई लड़ता रहूंगा।”
स्थानीय लोगों की पहली पसंद बने रामकुमार थुरिया
चुनावी माहौल में जनता की पहली पसंद रामकुमार थुरिया बनते दिख रहे हैं। उनके प्रचार-प्रसार और सहयोग के लिए स्थानीय कार्यकर्ता व ग्रामीण पूरी तरह से तैयार हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और कांग्रेस से किन उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाता है और चुनावी मुकाबला कितना रोचक होता है।
— सारंगढ़, विशेष संवाददाता