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जून में नजर आएगा शनि का प्रकोप इन राशियों को मिलेगा अपने ही करीबियों से तगड़ा धोखा, रहे सावधान

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इस समय शनि की ढैय्या कर्क और वृश्चिक राशि में चल रही है। ऐसे में इन दोनों की राशियों को सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर कार्यस्थल पर। बेकार का गुस्सा करने से बचें।

कर्मफलदाता शनि करीब एक राशि में ढाई साल तक रहते हैं। इस समय वह अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान है और जून तक इसी राशि में रहने वाले हैं। इस दौरान शनि अपनी स्थिति में कुछ न कुछ बदलाव करते रहेंगे। बता दें कि 29 जून को रात 11 बजकर 40 मिनट पर कुंभ राशि में ही वक्री यानी उल्टी चाल से चलने लगेंगे।

वह उस अवस्था में करीब 5 माह रहेंगे और 15 नवंबर को मार्गी हो जाएंगे। शनि को क्रूर ग्रहों में से एक माना जाता है, क्योंकि यह जातक को उनके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। इतना ही नहीं शनि एकलौता ऐसा ग्रह है जिसके पास साढ़े साती और ढैय्या का हक है।

ऐसे में हर एक व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी शनि की साढ़े साती, ढैय्या या फिर टेढ़ी दृष्टि का सामना करना पड़ता है। शनि के वक्री होने से कुछ राशियों को खूब लाभ मिलेगा, तो कुछ राशि के जातकों को संभलकर रहने की जरूरत है। जानें शनि के वक्री होने से कन राशियों को संभलकर रहने की जरूरत है।

मेष राशि
इस राशि में शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है। ऐसे में आपको संभलकर रहने की जरूरत है। नौकरीपेशा लोगों को कार्यस्थल में थोड़ा संभलकर रहने की जरूरत है। इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। शारीरिक तनाव के साथ मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। अगले 5 माह इन राशियों के जीवन में कई तरह की मुश्किलें उत्पन्न कर सकते हैं।

कन्या राशि
इस राशि में भी शनि की तीसरी दृष्टि पड़ रही है। ऐसे में इस राशि के जातकों के जीवन में भी कई तरह की मुश्किलें पैदा हो सकती है। परिवार के साथ किसी बात को लेकर अनबन हो सकता है। इसके साथ ही बिजनेस में निवेश करना हानिकारक साबित हो सकता है। परिवार में किसी बात को लेकर अनबन हो सकती है। बेकार के गुस्से को कंट्रोल करने की कोशिश करें।

शनि की ढैय्या
इस समय शनि की ढैय्या कर्क और वृश्चिक राशि में चल रही है। ऐसे में इन दोनों की राशियों को सतर्क रहने की जरूरत है। खासकर कार्यस्थल पर। बेकार का गुस्सा करने से बचें। इससे आपको ही हानि हो सकती है। मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही आपकी गुस्सैल प्रवृत्ति के कारण घर का माहौल भी खराब हो सकता है। इसलिए परिवार के साथ अधिक समय बिताएं। बेकार के खर्च से परेशान रह सकते हैं।

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