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श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने लिया बड़ा फैसला, राम भक्तों के माथे पर अब नहीं लगेगा चंदन, चरणामृत देने पर भी लगाई रोक

अयोध्या । अयोध्या में स्थित राम मंदिर को लेकर इस वक्त एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां श्रीराम मंदिर ट्रस्ट ने ये फैसला लिया है कि अब राम भक्तों के माथे पर अब चंदन नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही चरणामृत देने पर भी पाबंदी लगाई गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने तत्काल प्रभाव से गर्भगृह के पुजारियों को ऐसा करने से रोक दिया है। साथ ही पुजारियों को मिलने वाली दक्षिणा भी सीधे दानपेटियों में डलवाने का फैसला लिया गया है।

दरअसल, 22 जनवरी 2024 को रामलला के विराजमान होने के बाद लगातार देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।  मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए ट्रस्ट ने गाइडलाइन जारी की है, लेकिन दूर-दराज से आए श्रद्धालु प्रभु रामलला का नजदीक से दर्शन करना चाहते हैं।

वहीं वीआइपी दर्शन करने वाले भक्तों को नजदीक से रामलला के दर्शन करते हैं, जिन्हें मंदिर के पुजारी माथे पर चंदन लगा कर चरणामृत  देते थे। ऐसे में पहले श्रद्धालु खुश होकर गर्भगृह के पुजारियों को दान-दक्षिणा दे देते थे।

वहीं अब राम मंदिर ट्रस्ट ने इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए पुजारियों को निर्देश दिया है कि वे भक्तों के माथे पर चंदन न लगाएं और चरणामृत भी न दें। कोई भक्त दान-दक्षिणा दे तो उसे स्वयं न लेकर दानपेटियों में डलवाएं। ट्रस्ट के इस निर्णय के बाद से ही पुजारियों में नाराजगी देखी जा रही है। तो वहीं कुछ पुजारी ट्रस्ट के इस फैसले को मानने के लिए मंजूर है।

बताया गया कि गर्भगृह में मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्रदास सहित लगभग दो दर्जन पुजारी हैं। ये अलग-अलग शिफ्ट में ड्यूटी करते हैं। इनमें पांच पुराने और 21 नए सहायक अर्चक हैं। मुख्य अर्चक को ट्रस्ट प्रतिमाह 35 हजार रुपये और सहायक अर्चकों को 33 हजार रुपये देता है। ऐसे में भक्तों द्वारा दिए गए दान से इससे पुजारियों को वेतन के अतिरिक्त कमाई हो जाती थी।

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