CHHATTISGARH

सराईपाली बूड़बूड़ कोयला खदान को भू-विस्थापितों ने बंद कर धरना में बैठ गए

Advertisement
Advertisement
Advertisement

कोरबा। एसईसीएल कोरबा क्षेत्र अंतर्गत सराईपाली परियोजना में मध्य प्रदेश पुनर्वास निति के तहत अर्जन की प्रक्रिया पूरी की गई थी और उसी नीति के आधार पर हर खातेदार को एक रोजगार दिया जाना था। किंतु प्रशासन की मदद से एसईसीएल ने कोल इंडिया पालिसी के अनुसार रोजगार प्रदान किया जिससे छोटे खातेदारों को रोजगार से वंचित होना पड़ा। भू-विस्थापित परिवार को जमीन के बदले मात्र 1.24 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया गया और अब बसाहट के एवज में तीन लाख रुपये दिया जा रहा है।

पिछले दो साल से आंदोलन कर रहे
ग्रामीण मुआवजा राशि 15 लाख की मांग करते हुए पिछले दो साल से आंदोलन कर रहे हैं । इन दो सालों में तीन बार एसईसीएल के उच्चाधिकारियों सहित ,जिला प्रशासन के मध्य तीन बार त्रिपक्षीय वार्ता किया गया और हुए समझौता के अनुसार आठ लाख रुपये बसाहट राशि दिए जाने का लिखित समझौता हुआ है, जिसे मुख्यालय के बोर्ड में अब तक निराकरण नही किया जा सका है। इससे भू-विस्थापितों में नाराजगी व्याप्त है और उन्होंने अनिश्चितकाल के लिए खदान बंद करा आंदोलन शुरू कर दिया।

सभी नियम हर खदान में लागू किया जाए
भू- विस्थापित कल्याण समिति बूड़बूड़ के अध्यक्ष तिरिथ राम केशव ने कहा कि पिछली बार हुए समझौता के अनुसार आठ लाख रुपये बसाहट राशि और आउट सोर्सिंग कामगारों को हाई पावर कमेटी के अनुसार पेमेंट नही दिया जाता है, तब तक आंदोलन को वापस नही लिया जाएगा। आंदोलन को ऊर्जाधानी भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति ने भी समर्थन देते कहा कि मेगा प्रोजेक्ट में लागू सभी नियम हर खदान में लागू किया जाए।

बोर्ड में प्रस्तुत कर लिया जाएगा अनुमोदन,खदान बंद कराने पर प्रबंधन ने वार्ता की पहल की।
विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) पाली, तहसीलदार, पुलिस की उपस्थिति में एसईसीएल प्रबंधन व भू-विस्थापितों के मध्य बैठक हुई। इस दौरान प्रति परिवार को तीन लाख रुपये विस्थापन राशि एवं अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि पांच लाख रुपये करने हेतु मुख्यालय में लंबित प्रस्ताव को दो माह के भीतर एसईसीएल बोर्ड में प्रस्तुत कर अनुमोदन लेने का प्रयास किया जाएगा। इस पर भू-विस्थापित कल्याण समिति, ग्रामवासी व एसईसीएल प्रबंधन के मध्य आपसी सहमति बनी और हड़ताल समाप्त की गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button