CHHATTISGARH

सदन में गूंजा दवा और उपकरण खरीदी में गड़बड़ी का मामला, मंत्री का जवाब- IAS अधिकारियों की समिति कर रही जांच

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

पिछली सरकार में दवा और उपकरण खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। साय सरकार आने के बाद इन मामलों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि सीजीएमएससी ने दवाइयों की समस्त खरीदी खुली निविदा के माध्यम से की है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) की दवा और उपकरण खरीदी मामले की जांच तीन आईएएस अधिकारियों की समिति से कराई जा रही है। तीन माह के भीतर जांच पूरी हो जाएगी। पिछली सरकार में दवा और उपकरण खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। साय सरकार आने के बाद इन मामलों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। जांच व्यापक है, इसलिए समय लगेगा।

विधानसभा में ध्यानाकर्षण में उठे सवालों पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि सीजीएमएससी ने दवाइयों की समस्त खरीदी खुली निविदा के माध्यम से की है। यह सत्य है कि महालेखाकार की ऑडिट में आपत्ति उठाई गई है, जो कार्यालयीन कार्यों की समीक्षा करने की प्रक्रिया है। समय-समय पर प्राप्त होने वाली ऑडिट आपत्तियों पर कार्यालय की ओर से स्पष्ट जानकारी बनाकर महालेखाकार को अवगत कर निराकरण किया जाता है।

सीएजी की ऑडिट सतत चलने वाली प्रक्रिया है। अब तक 25 शिकायतें मिली हैं, जिसमें से 15 का निराकरण किया जा चुका है। दस शिकायतें प्रक्रियाधीन हैं। दूसरे राज्यों के कॉरपोरेशन की दरों की तुलना कर खरीदी का दर तय किया जाता है। पिछले तीन सालों में बिना डिमांड के खरीदी नहीं की गई है।

स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर, एनएचएम की ओर से डिमांड भेजा जाता है। इस डिमांड के आधार पर खरीदी होती है। मंत्री ने बताया कि हमर लैब में लगने वाले एनालाइजर और रिएजेंट की खरीदी डिमांड आने के बाद ही की गई है। रिएजेंट कालातीत नहीं हुए है।

राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिएजेंट के खराब होने का आरोप सत्य नहीं है। स्वास्थ्य केंद्रों की मांग के बाद ही रिएजेंट की सप्लाई की गई है। ऑटो एनालाइजर मशीन की खरीदी कई गुना दर पर खरीदी का आरोप भी सही नहीं है। खुली निविदा कर एल वन प्राप्त होने के बाद ही खरीदी की गई है।

एक सवाल जहां जरूरत भी नहीं थी, वहां पर डिमांड भेजी गई है। सप्लायर डिमांड क्रिएट कराते हैं, उसके बाद डिमांड भेजी जाती है, ऐसे प्रकरणों की ईओडब्ल्यू जांच पर मंत्री ने कहा कि तीन आईएएस अधिकारियों की टीम इस प्रकरण की जांच कर रही है। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण के जरिए मामला उठाया था। विधायक अमर अग्रवाल ने भी दवा व उपकरण खरीदी पर सवाल उठाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button