जिला चिकित्सालय सारंगढ़ में मनाया गया विश्व फार्मासिस्ट दिवस

सारंगढ़–बिलाईगढ़।जिला चिकित्सालय सारंगढ़ में आज 17वाँ विश्व फार्मासिस्ट दिवस उत्साह और गरिमा के साथ केक काटकर मनाया गया। इस अवसर पर फार्मासिस्टों की स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया गया।
जिला चिकित्सालय सारंगढ़ सिविल सर्जन डॉ. दीपक कुमार जायसवाल ने बताया कि फार्मासिस्ट केवल दवा खोज, निर्माण, वितरण और भंडारण का कार्य ही नहीं करते बल्कि मरीजों को दवा के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग के लिए भी मार्गदर्शन करते हैं। उपस्थित अन्य डॉ. और पैरामेडिकल स्टॉफ ने विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर अपनी बात रखी।
फार्मासिस्ट योगेश्वर चन्द्रम ने बताया की इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय थीम — “स्वास्थ्य के बारे में सोचें, फार्मासिस्ट के बारे में सोचें” (“Think Health, Think Pharmacist”) प्रस्तुत किया गया।
ऐतिहासिक संदर्भ
फार्मासिस्ट दिवस की शुरुआत वर्ष 2009 में अंतरराष्ट्रीय फार्मास्युटिकल फेडरेशन (FIP) ने की थी। 25 सितम्बर को इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1912 में FIP की स्थापना हुई थी। तब से हर वर्ष यह दिवस विशेष थीम के साथ मनाया जाता है।
छत्तीसगढ़ का योगदान
छत्तीसगढ़ में लगभग 36 हजार रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट हैं। फार्मासिस्ट स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 जैसी वैश्विक आपदा से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक दवा पहुँचाने और परामर्श देने में उन्होंने अग्रणी भूमिका निभाई है।
राज्य सरकार द्वारा नवा रायपुर में 142 एकड़ भूमि पर फार्मास्युटिकल पार्क स्थापित करने की पहल की गई है। इससे प्रदेश को “फार्मास्युटिकल हब” बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
“जहाँ स्वास्थ्य, वहाँ फार्मासिस्ट –
जहाँ फार्मासिस्ट, वहाँ जीवन सुरक्षित।”
कार्यक्रम के दौरान डॉ. दीपक कुमार जायसवाल सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक, डॉ. भूषण खूंटे आर एम ओ, डॉ. बी पी साय वरिष्ठ चिकित्सक, डॉ. रश्मि पटेल, डॉ. गरिमा बंजारे, फार्मासिस्ट योगेश्वर चन्द्रम, गौरव शर्मा, स्टॉफ नर्स ज्योति स्वर्णकार, राखी घोष, दुर्गा साहू, मोहन लाल निषाद, ट्रेनी फार्मासिस्ट रागनी भारती, अमिताभ देवांगन, सुमित गुप्ता, योगराज साहू, फनीश, सत्यप्रकाश कुर्रे, लक्ष्मीनारायण साहू आदि उपस्थित थे।



