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पर्यावरण और वनों को सुरक्षित रखें, अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं – वन विभाग सारंगढ़

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“प्रखरआवाज@न्यूज़”

विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष

पर्यावरण और वनों को सुरक्षित रखें, अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं – वन विभाग सारंगढ़

विश्व पर्यावरण दिवस पर प्रकृति का संतुलन बनाए रखने पर्यावरण को सुरक्षित व संरक्षित करने के उद्देश्य से हम सभी को प्रण लेना चाहिए जैसा कि प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम “Only One Earth” (केवल एक पृथ्वी ) है, इस नारे के माध्यम से पूरी पृथ्वी को एक मान कर इसके संरक्षण के लिए प्रयास करने का संदेश है।

“पर्यावरण की सुरक्षा हमारा प्रथम दायित्व” – हमारे पर्यावरण की स्थिति प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण दिन प्रति दिन गिरती जा रही है। बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण की सुरक्षा के लिए हमें हमारे देश में पर्यावरण के अनुकूल विकास को बढ़ावा देना चाहिए। हमें अपने आसपास पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोकना अधिक से अधिक वृक्ष लगाना उन्हें सुरक्षित रखना और लोगों को वृक्षारोपण पर्यावरण सुरक्षा के लिए जागरूक करना पर्यावरण को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण है पर्यावरण दिवस के अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएं और आप सभी से अपील अधिक से अधिक वृक्ष लगाएं।

आर के सिसोदिया,
एसडीओ वन विभाग गोमर्डा अभ्यारण सारंगढ़

विश्व पर्यावरण दिवस 2022
,,संकल्प पत्र,, –

हम वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा से जुड़े सभी व्यक्ति जो यह मानते हैं कि पूरे ब्रह्मांड में हमारी पृथ्वी के जैसा कोई दूसरा नहीं है, जिसे हम अपनी माता स्वरूप समझते हैं चाहे जिस किसी के नासमझी या अत्यधिक लोभ के कारण आज हमारी पृथ्वी इस स्वरूप को प्राप्त कर चुकी है जो अपने अस्तित्व के लिए ही संघर्ष कर रही है। जिसने हमें पीने के लिए मीठा जल दिया सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा दी हमारे जीवन के लिए भोजन एवं औषधि के रूप में वन दिया जिसे हमने विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया। आज हम सभी यह संकल्प लेते हैं हमारी धरती मां को उसके पुराने स्वरूप में पहुंचाने के लिए अनवरत प्रयासरत रहेंगे एवं हर संभव इसके पर्यावरण की रक्षा करेंगे चाहे जिस किसी भी रुप में हो।

“राजेश तिवारी” रेंजर, गोमर्डा अभ्यारण वन परिक्षेत्र रेगुलर सारंगढ़

“पर्यावरण सुरक्षित तो हम सुरक्षित” – दरअसल, कुछ दशकों से हमारा पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है. जिससे इस पर रहने वाले जीव-जंतु, जलवायु समेत सभी चीजें प्रदूषित हो रही है. जिससे सबके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का एकमात्र उद्देश्य है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक करना. ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें ना की पेड़ों की कटाई. जिस तरह से देश में विकास हो रहा है, कंस्ट्रक्शन किए जा रहे हैं उसके बदले कई पेड़ पौधे की कटाई बड़ी मात्रा में कर दी जा रही है. ऐसे में यह जीवनदायिनी पेड़-पौधे ही अगर नहीं रहेंगे तो हम या हमारी आने वाली पीढ़ी कैसे रहेगी. ऐसे में हमें एकजूट होकर इसे गंभीरता से लेना होगा. वन प्रबंधन, ग्रीन हाउस गैस को नियंत्रण करना, पनबिजली संयंत्र का उपयोग या सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल करने से ही हमारा वातावरण शुद्ध हो सकता है।

सुरेंद्र अजय, रेंजर गोमर्डा अभ्यारण वन परीक्षेत्र, बरमकेला

“पर्यावरण और वन संपदा बनाती है प्रकृति का संतुलन” – पूरी सृष्टि प्रकृति और पर्यावरण पर निर्भर है। जीने के लिए जिस हवा, पानी, खाद्य की जरूरत होती है, वह पर्यावरण की देन है। इनके बिना सृष्टि और किसी जीव की कल्पना भी नहीं की जा सकती। हमारे आसपास का वातावरण पेड़-पौधे, नदी, जंगल, जमीन और पहाड़ आदि से घिरा है। इसी को तो प्रकृति कहते हैं। इसी प्रकृति से हम बहुत कुछ लेते हैं, लेकिन बदले में हम प्रकृति को क्या देते हैं? अगर ध्यान देंगे तो दशकों से हम प्रकृति को सिर्फ प्रदूषित कर रहे हैं। पर्यावरण का दोहन कर रहे हैं। जंगलों को काटना, नदियों को गंदा करना, वातावरण को प्रदूषित करना आदि के कारण हम प्रकृति का अस्तित्व खत्म करने के साथ ही अपने जीवन और आने वाली पीढ़ी के लिए खतरनाक वातावरण बना रहे हैं। ऐसे में छोटे छोटे प्रयास करके हम पर्यावरण संरक्षण कर सकते हैं। अगर प्रकृति संरक्षित होगी तो मानवीय जीवन सुरक्षित होगा। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आप सभी को शुभकामनाएं और विनम्र अपील पर्यावरण को सुरक्षित रखें वनों और जीवो को बचाएं।

राजू सिदार, रेंजर वन परीक्षेत्र गोमर्डा अभ्यारण सेंचुरी सारंगढ़

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