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मुड़ा तालाब के साथ नगर के विकास पथ पर आखिर कौन नेता बन रहा है रोड़ा

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“प्रखरआवाज@न्यूज़”

मुड़ा तालाब के साथ नगर के विकास पथ पर आखिर कौन नेता बन रहा है रोड़ा ?

मुख्यमंत्री द्वारा वर्चुअल भूमिपूजन के बाद स्टीमेट से विकास कार्यों का कटना क्या षड्यंत्र का हिस्सा ?

सारंगढ़ बाबाकुटी से झारपाली सड़क मार्ग हुआ जर्जर

ग्राम पंचायतों से लेकर नपा का यह सबसे महत्वपूर्ण मार्ग हुआ गड्ढों में तब्दील

पीएमजेएसवाई एवं नगर पालिका को आमजन की सुध नहीं

नपा में प्रस्ताव होने के बाद प्रस्ताव से कार्य हटवाने पर बड़े कद्दावर नेता का नाम आने की चर्चा

सारंगढ़ न्यूज़/ सारंगढ़ नया जिला तो बना और जहां आम जनता को विकास का पहिया द्रुतगति से घूमने की आशा थी वही विकास गति को तेज करने में वर्तमान सरकार और यहां के निर्वाचित जनप्रतिनिधि ने कोई कसर नहीं छोड़ी मगर राजधानी में बैठे अपने को सारंगढ़ का हितैषी बताने वाले एक कद्दावर नेता के द्वारा बार-बार विकास कार्यों में रोड़ा अटकाने की चर्चा राजनीतिक गलियारे में जमकर हो रही है। गौरतलब हो, कि जहां सारंगढ़ को पान पानी पालगी की नगरी कहीं जाती है वही इसे कुछ अधिकारी शिकवा शिकायतों से भरा सारंगढ़ कहने से नहीं चूकते।

सूत्रों की माने तो नगर का जीवन दायिनी मुड़ा तालाब जिसके लिए करोड़ों रुपए की स्वीकृति हुई साथ ही गहरीकरण कार्य संपन्न हुआ लेकिन उक्त मुड़ा तालाब कुछ स्थानीय विपक्षीय जनप्रतिनिधियों और राजधानी में बैठे नेताओं के शिकवा शिकायत का भेंट चढ़ गया, ठीक उसी प्रकार नगर पालिका क्षेत्र बाबाकुटी से झारपाली सड़क मार्ग जिसका कुछ हिस्सा नगर पालिका में तो कुछ हिस्सा ग्रामीण क्षेत्र पीएमजेएसवाई सड़क मार्ग में गिना जाता है। वर्तमान में उक्त सड़क मार्ग की हालत अति जर्जर है जहां तलाब नुमा गड्ढे राहगीरों के मुसीबतों और दुर्घटनाओं का सबब बन बैठे हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पूर्व कार्यकाल में नगर पालिका क्षेत्र के इस सड़क मार्ग का मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा वर्चुअल भूमि पूजन भी किया गया जिसे शासन – प्रशासन के पास प्रशासनिक स्वीकृति हेतु भेजा गया मगर उक्त सड़क मार्ग ही स्टीमेट से गायब है। मुख्यमंत्री जी द्वारा 5 करोड़ की वर्चुअल भूमि पूजन के बाद लाखों रुपए काम करने की चर्चा है। वार्ड नंबर 5 बाबा कुटी एवं वार्ड नंबर 9 बड़े मठपारा के अति आवश्यक निर्माण कार्य के कटने की चर्चा भी जोरों पर है। छनकर आ रही सूत्रों से यह पता चलता है कि सारंगढ़ के शुभचिंतक कद्दावर नेता के द्वारा इन कार्यों को जान बूझकर कटवाया गया है शायद वे हमेशा की तरह आपने कद और पहुंच पार्टी नेताओं और सारंगढ़ वासियों को वाकिफ कराना चाहते हैं मगर उन्हें क्या मालूम कि सारंगढ़ की जनता का हाल बेहाल करना उनके हमेशा की तरह इस बार भी सारंगढ़ विकास के विरोधी चाल चरित्र को उजागर कर देगा। मुड़ा तालाब हो या फिर अन्य विकास कार्य में बाधा से साफ जाहिर है कि महोदय अपने कद का एहसास कराने में पीछे नहीं रहते और उनके साथ पर्दे के पीछे बैठे उनके स्थानीय जन सहयोगी जो हम तेरे भी और हम उनके भी की तर्ज पर भरपूर जानकारी मुहैया कराने में पीछे नहीं हटते।

गौरतलब हो, कि बाबाकुटी से झार पाली सड़क मार्ग से जहां कई पंचायतों के ग्रामीणों का प्रतिदिन आना जाना है वही नगर पालिका क्षेत्र बाबाकुटी का यह मुख्य सड़क मार्ग बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो चुका है, अंतिम छोर होने के कारण अब तक नगर पालिका ने इस पर चलने लायक कोई खास पहल नहीं की है हद तो तब हो जाती है जब प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत आने वाले कुछ क्षेत्र में भी यही हाल है और विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। अब देखना यह है की उक्त सड़क मार्ग के गड्ढों को भरने में पीएमजीएसवाई विभाग और नगर पालिका सारंगढ़ कितनी जल्दी पहल करता है ?

करोड़ों की स्वीकृति मगर राशि का भुगतान अब तक नहीं – नगर पालिका चुनाव के ठीक पहले जहां कांग्रेस सरकार ने जिन क्षेत्रों में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं वहां 3 से 5 करोड रुपए की राशि स्वीकृत कर वर्चुअल भूमि पूजन तो किया मगर उक्त कार्यों का भूमि पूजन के बाद ना तो सुध ली गई और ना ही राशि स्वीकृत की गई अब तक कार्य अधर में लटके हैं वही उसके पश्चात समस्त नगर निगम नगर पालिका और नगर क्षेत्रों को पुनः करोड़ों के कार्य की घोषणा की गई है पहले के पांच करोड़ के कार्य जिनकी स्वीकृति आदेश, राशि आई नहीं और अब हो गई दूसरी घोषणा। कई पुराने कार्यो का भुगतान अभी नहीं हो पाया है सूत्रों की माने तो लगभग पुराने कार्यों में 4 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान ठेकेदारों को नहीं हो पाया है जबकि उनके द्वारा कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं जिन्हें उक्त राशि का इंतजार करते सालों बीत गए हैं अब हालत यह है की सारंगढ़ नगर पालिका में ठेकेदार पुराने कार्यों को करने से कतरा रहे हैं क्योंकि लंबे इंतजार के बाद उनका भुगतान नहीं हो पाया शासन प्रशासन एके ओर घोषणा पर घोषणा किए जा रहा हैं और दूसरी ओर स्वीकृति आदेश राशि आवंटन अटकी पड़ी है। क्या यह घोषणा नगर पालिका चुनाव में जनता को महज झुनझुना पकडड़ाने जैसा था ? जिसकी पक्ष-विपक्ष के साथ राजनीतिक गलियारे में चर्चा आम है।

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