“प्रखरआवाज@न्यूज”
महानदी से लगे जिलों में बढ़ा बाढ़ का खतरा, इस गांव में भरा पानी, नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब
सारंगढ़ न्यूज/ महानदी से लगे सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के सरिया बरमकेला के सात गांवों में अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने विभागों को तैयार रहने के लिए कहा वहीं गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है। गुरुवार देर शाम बरमकेला जनपद के लिप्ती गांव में पंचायत भवन और आत्मानंद वाचनालय भवन में पानी घुस आया। कलेक्टर डा. फरिहा आलम सिद्दिकी, एसपी आशुतोष सिंह ने विभागीय अफसरों के साथ जाकर बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। कलेक्टर ने शुक्रवार को जल संसाधन, पीएचई, स्वास्थ्य, पंचायत, बिजली विभाग समेत अन्य विभागीय अफसरों की बैठक लेकर जरूरी इंतजाम करने के लिए कहा है। फिलहाल गंगरेल से पानी नहीं छोड़े जाने और हीराकुद डेम के गेट खोले जाने से राहत मिली है। महानदी में अगस्त और सितंबर के महीने में लगभग हर साल बाढ़ आती है।
रायगढ़, सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में पिछले तीन दिनों से सावन की झड़ी लगी हुई है। बुधवार और गुरुवार को हुई भारी बारिश से महानदी और केलो नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रायगढ़ में केलो नदी उफान पर है। एडू में मांड नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। केलो में जलस्तर बढ़ने से चक्रपथ के साथ ही मरीन ड्राइव जलमग्न है। शुक्रवार को थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन हर तरफ पानी ही पानी है। खेत लबालब हैं, जहां रोपाई हो चुकी है उन किसानों को राहत हैं, जहां बुआई नहीं हो पाई है वहां किसान बारिश रुकने का इंतजार कर रहे हैं। सारंगढ़ में नदी नाले, तालाब बारिश से लबालब हैं।
मंगलवार की देररात से शुरू हुआ बारिश का यह सिलसिला शुक्रवार तक जारी रहा है। लगातार हो रही इस बारिश से जहां लोगों को उमस व गर्मी से राहत मिली है। सारंगढ़ कलेक्टर
डा. फरिहा आलम ने बताया कि हीराकुद डेम के 10 गेट खोले हैं। इससे महानदी में जलस्तर गिरा है। इसके साथ ही गंगरैल से फिलहाल पानी नहीं छोड़ा गया है। महानदी का जलस्तर भारी बारिश के कारण बढ़ा है। फिलहाल बाढ़ जैसी स्थिति नहीं है लेकिन प्रशासन सतर्क है। अभी कहीं भी लोगों को विस्थापित करने की जरूरत नहीं पड़ी है। सरिया, बरमकेला के सात गांवों में खतरे की आशंका पर मुनादी करा दी है। लोगों से सावधान रहने के लिए कहा है।
हीराकुद के 10 गेट खुलने से राहत
नजदीक से गुजरती है महानदी पुसौर के गांव भी आते हैं चपेट में महानदी रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लाक के करीब से गुजरती है। महानदी का जलस्तर बढ़ने से पुसीर के आसपास पड़िगांव, नदीगांव, सूरजगढ़ समेत कुछ गांवों में बाढ़ का खतरा होता है। महानदी में हर साल आने वाली बाढ़ से पुसौर, सरिया, बरमकेला के दो दर्जन से अधिक गांव के लोगों को विस्थापित कर राहत शिविरों में रखना पड़ता है।