CHHATTISGARH

4400 लोगों को मिला जमीन का मालिकाना हक

पंचायत चुनाव की तैयारी अंतिम चरणों में है। प्रशासन अपनी तैयारी में प्रतिनिधि तैयारी में जुटा है। आचार संहिता लगे इससे पहले शनिवार को स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड जारी किया गया। गांव में जो लोग प्रचलित आबादी भूमि में बस गए हैं, उन लोगों को शासन प्रापर्टी कार्ड बनाया जा रहा है। मतलब उन्हें उस आबादी भूमि का पूरा मालिकाना हक दे दिया गया है।

कार्ड बांटने के लिए बुधवार को जिले में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में कलेक्टर आकाश छिकारा व जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों को प्रॉपर्टी कार्ड दिया। बता दें कि इसके लिए प्रदेश में सबसे पहले पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में ड्रोन सर्वे की शुरुआत दो साल पहले जिले के गांवों से की गई। पिछले सालभर से योजना को लेकर काम चल रहा है।

शासन की तकनीकी टीम ने गांव-गांव जाकर ड्रोन से प्रचलित आबादी भूमि का सर्वे और नक्शा खसरा तैयार किया गया है। गांव की आबादी भूमि में सालों से रह रहे लोगों को पट्टा न देकर स्वामित्व का अधिकार देने योजना शुरू की है। इसके लिए सभी को अधिकार अभिलेख दिया जाएगा। योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ के दुर्ग, कबीरधाम व कोरबा से हुई।

भारत सरकार के पंचायती राज मंत्रालय नई दिल्ली ने ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी भूमि पर निवासरत संपत्ति मालिकों को ड्रोन के माध्यम से सर्वे कर नक्शा, खसरा, रकबा बनाया जाएगा। ऑनलाइन में भी हितग्राहियों के नाम से जमीन का रिकार्ड रहेगा। जिला स्तरीय कार्यक्रम जिला पंचायत के सभाकक्ष में वर्चुअल माध्यम से हुआ।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से स्वामित्व योजना से लाभान्वित देश के विभिन्न हितग्राहियों से संवाद भी किया। जिले के स्वामित्व योजना के लाभान्वित हितग्राहियों को उपस्थित अतिथियों के द्वारा प्रापर्टी कार्ड का वितरण किया गया।

जानिए, छत्तीसगढ़ शासन की स्वामित्व योजना

स्वामित्व योजना से यह होंगे लाभ लोगों को मालिकाना हक मिलेगा। अब वे जमीन व मकान की खरीदी-बिक्री कर सकेंगे। लोगों को पट्टे की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। इनके जमीन की रिकार्ड ऑनलाइन होगा। जैसे बी1 खसरा निकालते हैं, वैसा ऑनलाइन निकाल सकेंगे। ड्रोन सर्वे से रिकॉर्ड बनाने में शुद्धता आएगी। जमीन के दस्तावेज और सर्टिफिकेट के आधार पर बैंक से लोन ले सकेंगे।

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