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नल जल योजना से आई भ्रष्टाचार की बू, पानी भरते ही चारों खाने चित हुई नवीन पानी की टंकी, अब दिया जांच का हवाला

रीवा। जब भी कोई नवीन योजना को अमल में लाकर उसे धरातल पर उतारने का कार्य शुरु किया जाता तो अधिकारियों कर्मचारीयों से लेकर ठेकदारों के मन उस योजना से काली कमाई करने की योजना तैयार कर ली जाती है। इसका जीता जगता उदाहरण आज रीवा में देखने को मिला है।

जिले के सिरमौर विधानसभा ऐसा ही एक मामला समाने आया है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्त्वकांक्षी नल जल योजना को भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी और ठेकदारों की काली कमाई वाली नजर लग गई। काली कमाई की पोल उस वक्त पोल खुल गई जब नल जल योजना के तहत बनाई गई नवीन पानी की टंकी में पानी की सप्लाई चालू करते ही वह धरशाही हो गई।

पानी भरते ही हुआ धाराशाही
नल जल योजना से निकली भ्रष्टाचार की बू मामला रीवा जिले के सिरमौर विधान सभा क्षेत्र स्थित लूक गांव का है जिले भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वकांक्षी योजना नल जल योजना के तहत पानी के पाइप लाईन बिछाने के साथ ही नवीन पानी की टांकियो का निर्माण कार्य कराया जा है।

लूक गांव में नल जल योजना के तहत बनी नवीन पानी की टंकी आज उस वक्त चारों खाने चित्त होकर भारभरा कर धाराशाही हो गई जब उसमें पानी की सप्लाई शुरु की गई। घटना की तस्वीरों को देखकर ही इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि कहीं न कहीं नल जल योजना में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ होगा।

पानी भरते ही चारों खाने चित हुई नवीन पानी की टंकी जिले भर में चल रही नल जल योजना में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार होने की संभावना जताई जा सकती है।

निर्माण के दौरान नहीं किया था निरीक्षण
फिलहाल यह पहला ऐसा मामला है जिसमें पानी भरते ही नवीन पानी की टंकी में पानी की सप्लाई शुरु होते ही उसका भार नहीं सह पाई और अचानक से जमीन पर धड़ाम हो गई।

जिले भर में नल जल योजना के अंतर्गत कई पानी टंकियो का निर्माण कार्य कराया जा चुका जबकि कई स्थानों में इसका निर्माण चल रहा है या निर्माण कार्य कराया जाना है।

अधिकारीयों को निर्माण कार्य के दौरान ही प्रत्येक पानी की टंकियों का निरीक्षण करना चाहिए था अगर ऐसा होता तो शायद लूक गांव में नल जल योजना के अंतर्गत बनी नवीन पानी की टंकी में पानी भरते ही वह धराशाही नही होती।

ठेकेदार को किया टर्मिनेट
वहीं पूरे मामले पर जिला पंचायत CEO संजय सौरभ सोनवणे का कहना है कि घटना की प्राथमिक रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हुई है उसमें बताया गया है कि टंकी का काम मानक के अनुसार नहीं हुआ था जिस कंपनी या जिस ठेकेदार के द्वारा इसका निर्माण कराया गया है उसे टर्मिनेट किया जा चुका था।

शिकायत थी कि पानी की टंकी मानक के अनुसार नहीं थी उसकी टेस्टिंग कराई जा रही थी जिसके चलते वह पहली टेस्टिंग में ही गिर गई।  इसके बाद भी जो संबंधित ठेकेदार है उसको भी वैधानिक कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया गया है।

पहले ठेकेदार को टर्मिनेट किया जा चुका था जिसका किसी भी तरह से कोई भी भुगतान नहीं किया गया है। मामले की जांच कराई जाएंगी जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर वैधानिक कर्रवाई की जाएगी।

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