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शासकीय सेवक सेवा के दौरान 2 बच्चों के बाद टीचर ने करवा ली थी नसबंदी, फिर भी सरकार ने नहीं दिया वेतन वृद्धि का लाभ, अब छत्तीसगढ़ HC ने दिया निर्देश


यह मामला छत्तीसगढ़ की सरकारी टीचर अनुपमा शुक्ला का है। अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान राज्य सरकार ने प्रावधान तय था कि शासकीय सेवक सेवा के दौरान दो बच्चों के बाद नसबंदी कराते हैं, तो उन्हें दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में जांजगीर चांपा जिले के गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल भड़ेसर की शिक्षिका अनुपमा शुक्ला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दो वेतन वृद्धि का लाभ दिलाने की मांग की। शिक्षिका का कहना है कि नसबंदी कराने और ग्रीन कार्डधारी होने के बाद भी राज्य सरकार वेतनवृद्धि देने से आनाकानी कर रही है।

मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर पूर्व में लागू योजना के तहत शिक्षिका को दो वेतनवृद्धि का लाभ देने का निर्देश दिया है। इसके लिए 10 सप्ताह का समय तय किया गया है।

शिक्षिका की दलीलें और कोर्ट का फैसला
याचिकाकर्ता शिक्षिका ने कोर्ट का बताया कि शासन की योजना के तहत दूसरा बच्चा जन्म लेने के बाद नसबंदी करा ली थी। स्वास्थ्य विभाग ने उसे ग्रीन कार्ड भी जारी कर दिया था।
नसबंदी कराने और ग्रीन कार्ड प्राप्त होने के बाद जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में दस्तावेजों को जमा कर शासन की योजना के तहत वेतन निर्धारण करने व वेतन वृद्धि की मांग की।

मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष मध्य प्रदेश प्रशासनिक न्यायाधिकरण के आदेश की जानकारी दी।

याचिकाकर्ता के वकील ने म.प्र. राज्य एवं अन्य तथा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के नौ मार्च 2010 के आदेश के तहत एके केशरवानी बनाम सरकार के मामले में पारित आदेश का हवाला दिया।
जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिकाकर्ता को राज्य शासन के समक्ष नए सिरे से अभ्यावेदन पेश करने व शासन को 10 सप्ताह में निराकरण का निर्देश दिया।

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