CHHATTISGARHSARANGARH

कलेक्टर के आश्वासन के बाद भी मछुआ समिति को अब तक नहीं मिल रहा मत्स्य खेट का पट्टा !

सारंगढ़। छत्तीसगढ़ सरकार हर वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने के दावे कर रही है, जिसमे सबसे ज्यादा समूह,समिति को आगे लाने कि लाख दावे है मगर यह दावे को सारंगढ़ आने के बाद खोखले व बौने साबित होते देखा जा रहा है इसका ताजा उदाहरण है ग्राम बड़े गंतुली के मछुआरा समिति जिसकी पंजीयन लगभग 20 वर्ष पुरानी है वही इस समूह ने सरकार की प्रत्येक स्वालंभी योजना को विधि अनुरूप क्रियावन्यन करने की हर एक संभव प्रयास किया है लेकिन इस अनुसूचित जाति मछुआ सहकारी समिति बड़े गंतुली पूर्व में दर्जनों वर्षो तक मछली पालन कर आत्मनिर्भर बन अपने परिवार की पालन पोषण की जिम्मेदारी भली भांति निर्वाहन कर रहे थे लेकिन अब वही परिवार बेरोजगार हो गए है।

जबकि उस तालाब में दबंग व्यक्ति अपना लिज़ बनवाने के लिए जुगाड में लगे हुए है ऐसे जानकारी सूत्रों से प्राप्त हो रहे है। वही सरकार की पहली प्राथमिकता दर्जनों वर्ष पुरानी समूह को देना है यह मछुआ समिति विगत 16 वर्षो से निरंतर सरकार की प्रत्येक शर्ते निर्देशों के अनुरूप काम कर मत्स्य पालन करते आ रहे थे। लेकिन अब ग्राम पंचायत की दबंग रसूख दार की आंख उस तालाब में पढ़ गया और गरीबों की पेट पर लात मारने का काम कर रहा है।

लिहाजा गरीब व्यक्तियो का एक मत्स्य खेट करने का समूह को सरकार ने ही पंजीयन कर समिति बनाया है लेकिन अब उसको मत्स्य पालन करने की जिम्मेदारी नहीं मिल रही तो इनके परिवार अब बिखर कर अन्यंत्र प्रदेश पलायन कर रोजी मजदूरी करने के लिए विवश दिखाई दे रहे है। वही बहुतों पंचायत में मछली पालन के लिए जिम्मेदारी सरकार ने निभाया है। लेकिन इस समूह को सरकार आश्वासन देने के बाद भूल गया आखिर वजह समझ से परे हो जा रहा है। अगर त्वरित करवाही कर मत्स्य खेट हेतु पट्टा नहीं दिया गया तो ग्रामीण समूह आंदोलन कर प्रदर्शन करने के लिए कलेक्टर दफ्तर में ज्ञापन दिए है।

और आगे देखें मछुआ समिति को कितने वर्ष पूर्ण पंजीयन किया गया?

समिति को कितने वर्ष तक मत्स्य पालन करने का अनुभव है?

विभाग इस समूह को क्यों पीछे कर गया?

अ.जा. मछुआ सहकारी समिति को विवश कौन कर रहा पलायन करने को?

देखे क्या लिखा है ज्ञापन पर…

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button