
स्कूल, कॉलेज पंचायतों में सालभर होंगे कार्यक्रम कांग्रेस का संविधान रक्षक अभियान 60 दिन चलेगा
संविधान दिवस को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय समेत मंत्रिमंडल के सभी सदस्य मंगलवार को पदयात्रा करेंगे इसके साथ ही सालभर स्कूल, कॉलेज, पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। वहीं कांग्रेस इसी दिन से 26 जनवरी
भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने पर मंगलवार 26 नवंबर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, विधानसभा स्पीकर डॉ.रमन सिंह समेत तमाम नेता पदयात्रा करेंगे। यह पदयात्रा सुबह 9.30 बजे मेडिकल कॉलेज से निकलेगी। इस दौरान कॉलेज में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता होगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक 75 साल में संविधान में कांग्रेस ने कई संशोधन किए हैं। जब उनके अनुकूल हालात नहीं रहे तो कई बार अनावश्यक संशोधन भी कांग्रेस के लोगों ने किए हैं। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में संविधान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्कूल, कॉलेज और ग्राम पंचायतों में साल भर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन का टैग लाइन हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान रखा गया है।
इस दौरान स्कूलों और कॉलेजों में प्रश्नोत्तरी, वाद-विवाद एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। अनुसूचित जाति, जनजाति गांवों में 15 दिवसीय संविधान यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा के दौरान, जहां भी बाबा साहेब की प्रतिमाएं होंगी, उन पर पुष्पांजलि अर्पित किया जाएगा। ग्राम पंचायतों में ग्राम सभाओं का आयोजन होगा।
इस मौके पर जीवित स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जाएगा। संविधान सभा के सदस्यों से जुड़े गांवों में, जिसमें संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान पर विशेष जोर देते हुए विशेष समारोह आयोजित किए जाएंगे।
बैज ने कहा: केंद्र सरकार ने 10 साल में कमजोर कर दी संविधान की नींव
कांग्रेस पार्टी संविधान की रक्षा के लिये आगामी 26 नवंबर 2024 से 26 जनवरी 2025 तक संविधान रक्षक अभियान चलाएगी। 60 दिवसीय इस अभियान में कांग्रेस ने पांच अलग-अलग विषयों का चयन किया है जिसमें प्रत्येक के लिए 10-10 दिन का समय निर्धारित किया गया है।
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बताया कि कांग्रेस हमेशा हमारे संविधान में निहित मूल्यों की रक्षा के लिए खड़ी रही है। पिछले दशक में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार द्वारा संविधान की नींव को कमजोर करने और सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को कमजोर करने का व्यवस्थित प्रयास किया है।
इस अभियान में पांच प्रमुख विषयों को लोगों के बीच उजागर किया जाएगा। इसमें संविधान और समानता की लड़ाई, संविधान द्वारा मिले आरक्षण की सुरक्षा, भेदभाव का उन्मूलन एक प्रमुख संवैधानिक मूल्य, पूंजीवादी सरकार गरीबों के संविधान के विरूद्ध और लोकतंत्र और संविधान द्वारा प्रदत्त स्वतंत्रता को बचाने जैसे विषय शामिल हैं।
इस दौरान केंद्र सरकार की विफलता, एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों, गैर-अधिसूचित जनजातियों, महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं पर विशेष ध्यान देने के साथ, हाशिए पर रहने वाले समुदायों की स्थिति की जानकारी दी जाएगी वहीं जाति जनगणना की वकालत, आरक्षण व्यवस्था पर भाजपा के हमलों और उनकी भेदभावपूर्ण विचारधारा को उजागर किया जायेगा।