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साहू समाज के विवाद में आया नया मोड़, ब्लाक अध्यक्ष बने रहेंगे छबिलाल साहू

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“प्रखरआवाज@न्यूज”

प्रदेश अध्यक्ष के पास मामला लंबित था, सामाजिक बैठकर बुलाकर ब्लॉक अध्यक्ष को पद से हटाया गया

प्रदेश अध्यक्ष ने ब्लॉक अध्यक्ष बने रहने का जारी किया फरमान

बरमकेला न्यूज़/ छत्तीसगढ़ साहू संघ के प्रदेशाध्यक्ष के पास मामला लंबित होने के बाद भी समाज की सामाजिक बैठक बुलाकर साहू समाज के बरमकेला ब्लॉक अध्यक्ष सभी लाल साहू को पद से हटा दिया गया। इस मामले में प्रदेश अध्यक्ष ने बड़ी कार्रवाही करते हुए दो लोगों को संघ की सदस्यता से निलंबित कर दिया है जबकि सामाजिक बैठक में हटाए गए ब्लॉक अध्यक्ष को, पद पर बने रहने का भी आदेश जारी किया है वहीं चेतावनी दी गई है कि इस आदेश का पालन नहीं करने पर सामाजिक नियमावली के तहत कड़ी कार्रवाही की जाएगी। यह मामला प्रदेश के नवगठित जिले सारंगढ़ – बिलाईगढ़ के बरमकेला ब्लॉक के साहू समाज का है।बता दें कि तहसील साहू संघ बरमकेला के ब्लॉक अध्यक्ष के पद पर छबिलाल साहू पदस्थ हैं। इनके खिलाफ साहू समाज के ही रामगोपाल साहू व महिपाल साहू के द्वारा कई अनर्गल आरोप लगाकर न सिर्फ छबिलाल साहू के छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया बल्कि सोशल मीडिया के साथ-साथ स्थानीय मीडिया में कई भ्रामक खबरें भी छपवाई गई। इसकी जानकारी ब्लॉक अध्यक्ष द्वारा अपने प्रदेशाध्यक्ष को दी गई। जिस पर प्रदेशाध्यक्ष ने 7 अक्टूबर को रामगोपाल साहू केडार और महिपाल साहू चांटीपाली को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। समाज के प्रदेशाध्यक्ष के नोटिस का जवाब देने की बजाय अनाधिकृत रूप से दोनों ने समाज की बैठक बुलाकर ब्लॉक अध्यक्ष छबिलाल साहू को हटा दिया। अब इस मामले की निराकरण होने तक दोनों को समाज की सदस्यता से तत्काल निलंबित कर दिया गया है। वहींं छबिलाल को पद पर बने रहने का आदेश जारी हुआ है। 

ब्लॉक अध्यक्ष पर लगाए है ये आरोप: बरमकेला साहू समाज के ब्लॉक अध्यक्ष छबिलाल साहू के ऊपर गंभीर आरोप लगे है। उनके खिलाफ नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में साहू समाज के पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए पैसे की मांग करने का आरोप है। इसकी शिकायत प्रदेशाध्यक्ष को हुई है, जिस पर उन्होंने ब्लॉक अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है। इसकी जांच व कार्रवाई फिलहाल  लंबित है। बावजूद इसके साहू समाज के रामगोपाल साहू व महिपाल साहू द्वारा व्यक्तिगत अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए समाज के नियमावली के खिलाफ सामाजिक बैठक बुलाकर छबिलाल साहू को पद से अलग करा दिया गया। जबकि यह एकाधिकारी प्रदेशाध्यक्ष के पास है। 

समाज के लोगों को किया जा रहा गुमराह: ब्लॉक अध्यक्ष ने नियुक्ति के लिए पैसे की मांग की है या नहीं। यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा, लेकिन इसके पहले ही कुछ लोग समाज के लोगों को गुमराह कर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए उतारू है। साहू समाज एक उप पंजीयक संस्था से मान्यता प्राप्त एक संस्थागत बॉडी है। जिसमें निर्णय लेने का अधिकार समाज द्वारा चुने गए निर्वाचित पदाधिकारियों को है। समाज के बिना पदाधिकारियों की सहमति व आदेश के किसी को इस तरह पद से हटा देना न्यायाचित नहीं है। लिहाजा ऐसे में प्रदेशाध्यक्ष द्वारा समाजिक बैठक बुलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

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